Shuchita Vashisht   (Shuchita)
72 Followers · 10 Following

Bs kch dil ki batein !
Joined 2 April 2020


Bs kch dil ki batein !
Joined 2 April 2020
4 AUG 2021 AT 10:52

घिरा था चांद बादलों से ..
तारे भी घुम थे ,

ज़ेहन में थे ख्याल कई ..
ज़ुबान पर लफ्ज़ कम थे ,


यूं तो समंदर था.. जज़्बातों का
दिल के दरमियान ;
मगर बयां करने के लिए पास हमारे..
शीशे में खड़े... सिर्फ हम थे !

-


16 MAY 2021 AT 12:26

किसी की ज़िंदगी का ... एक ज़रूरी हिस्सा
तो किसी की कहानी का.. एक किस्सा भी हूं मैं

किसी के नज़रिये से अच्छा
तो किसी के लिए ... बुरा भी हूं मैं

किरदार निभा सकूं एक सा, हर एक कि कहानी में..
ये बस में मेरे.. है नहीं

ना चाह कर भी..
कहीं सही, तो कहीं गलत भी हूं मैं !

-


18 APR 2021 AT 22:50

दर्द में है तू ... मैं जानता हूं ;
और कहीं न कहीं ...
वजह इसकी,खुदको भी मैं मानता हूं ;

खैर जाने दे... जो हुआ ;

दुआ सलामती की तेरी ... आज भी उस रब से मैं मांगता हूं !

-


13 MAR 2021 AT 14:37

थक चुका हूं अपना किरदार ...
दूसरों को समझाते_समझाते ,

अब जिसने मेरा जो हिस्सा ..
जिस तरह से समझकर मुझे परख लिया ,

उसकी नज़र में अपना..
वही वज़ूद कबूल है मुझे !

-


11 MAR 2021 AT 18:29

And there comes a day ... When you realise...
Not everyone deserves your real side ...

Not every scar you've got is to be seen on the outside
Keeping it to yourself will make you wise

Not every effort towards you ..is worth your while ..
Coz at the end it's you & only "you" who will have to calm your own tide !

-


23 FEB 2021 AT 10:59

ख़ुद पर यकीन डगमगा जाए ..
ऐसे पल बहुत से आएंगे ,

अपनी ही नज़र में गिरादे जो ..
ज़िन्दगी में ; ऐसे मोड़ बहुत से आएंगे
शायद इसलिए कहता है ज़माना "हिम्मत रखो" ,

क्यूंकी बिखर जाने वाले ...
यहां... मौके बहुत से आएंगे !

-


16 FEB 2021 AT 21:38

के दस्तूर दुनिया का भी कमाल का है ...

दगा पहले ख़ुद देते हैं यहां लोग ...
और फिर उनके दिए दर्द को भुलाते देख किसी को....
' वो था पत्थर दिल ही हमेशा से '
ये कह कर ख़ुद को ही दिलासा देते हैं लोग !

-


8 FEB 2021 AT 11:51



बचपन की... उन यादों के सहारे ;
दिन इतने तेरे बिन बीत गए ,

छूट गया वो वक्त वहीं ;
और देखते ही देखते .. साल तीन बीत गए ,

ख़ुशी के पल ;
कुछ कमी के एहसास के साथ बीत गए ,

और साल इतने... होता तू मौजूद यहां ;
इसी _ "काश"... में बीत गए !




-


14 JAN 2021 AT 10:43


प्रकृति का अपनी प्रवृति से मेल कराना
ताज़ी हवा का लुत्फ उठाना

चिड़ियों की चहचहाना कानों को सुनाना
पत्तों का...
हवा के बदलते रुख के साथ लहराना

रूई के नर्म फाए हों जिस तरह
आसमान में बादलों का ..
कुछ वैसा ही रूप दर्शाना

सूरज की किरणों का वो..
हर स्थान को रोशन कर जाना

लुभाए जो मन को , है कुदरत का कुछ ऐसा..
ख़ूबसूरत नज़राना !

-


11 JAN 2021 AT 15:41


Morning time☀️
has got some different vibes ..
Starting a new day...
motivated towards our ambitions & drives ,

With a pretty view ...
nature blessing our eyes ,
And this is where....
a peaceful & refreshing energy lies !

-


Fetching Shuchita Vashisht Quotes