ना जाने क्यों दुनिया से अब बागवत सी हो गयी है तुम मिले तो दिल खिल सा जाता है.. तुम दूर रहो तो न जाने क्यों दिल बहुत घबराता है.. अब तुमसे चाहत सी होगयी है हाँ मुझे तुम्हारी आदत सी होगयी है।
जो प्रेम की प्रतिक्षा में होते है प्रेम युगों तक उनका ही रहेगा.. और प्रतिक्षा वही होंगी जब ख़ुद ईश्वर ने आपको मिलाया हैं। दुनिया बस हमारे स्वरूप को अलग कर सकती है । परंतु आत्माएं तो हमेशा हृदय में वास करेंगी।