Na lamho ki ginti hai
Na palon ka hisab hai
Bas tumse pyar beinteha hai
Tumse Ishq behisab hai...-
बचपन मे उत्तर प्रदेश और अ... read more
कल रात किसी ने खिड़की पे गुलाब भेजा था
कम्बख्त हवाओं ने पूरे शहर में खबर कर दी...-
कभी सोचा है की हमारे रिश्ते को क्या नाम दे..
इश्क़, मोहब्बत, ज़रूरत, जूनून, उम्मीद, ख्वाहिश
या फिर
ऊपर वाले का दिया हुआ तोहफ़ा
या वो रिश्ता
जो नदी के दो किनारों सा है,
हकीकत का ख्वाब से है,
दिन का रात से है
जो साथ तो हैं पर साथ नहीं
कभी मिल नहीं पाते
लेकिन एक दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते
हाँ ऐसा ही कुछ रिश्ता है मेरा तुमसे...
बेहद खूबसूरत..
-
Bahon me bhar ke tumne
Adhro se jo chua tha
Mai teri ho gayi hun
Us pal me ye laga tha
Ab tak mere badan me
Us pal ki hai khumaari
Tum le gaye ho apne sang nind bhi hamari
Tumhe yaad karte karte jayegi rain sari....
-
छूना तेरा वो रेशमी अहसास दे गया
संदल की खुशबुओं से भरी प्यास दे गया
गुलशन तमाम टूट के बाहों मे आ गए
हम जब सिमट के आपकी बाहों मे आ गए...-
Gar bol du mai to ilzam hazaro lagte hai
Gar chup rahu to badi bebasi si lagti hai-
Ye jo tere pyar ki Chuan ka ahsaas hai
Itni duri me bhi tu mere paas hai...-
आज मैं कविता नहीं एहसास लिख रही हूं
आज तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रही हूं
जब मैं तुमसे मिली तुम अलग से लगे
फिर रोज़ मिलने लगे तो दूर हो गए
आज उस दूरी का अहसास लिख रही हूं
तुम्हें फिर से पाने की एक आस लिख रही हूं
आज तुम्हारे लिए कुछ ख़ास लिख रही हूं
अजनबी थे जब मिले फिर थोड़ी पहचान बन गई
पहचान बढ़ते बढ़ते मेरी जान बन गए
मेरी जान तुमको पाने की बस प्यास लिख रही हूं
मेरे दिल में दबे अहसास लिख रही हूं
आज तुम्हारे लिए कुछ ख़ास लिख रही हूं
-
जिस रात में तुम मेरे साथ नहीं
उस रात की कोई बात नहीं
फिर मौत लड़कर आए हों
या इश्क की बाज़ी हार गए
हम सन्नाटे में रोए हों या
खुद से लिपटकर सोए हों
जिस रात में तुम मेरे साथ नहीं
उस रात की कोई बात नहीं।।।-
Kuch shame bahut lambi hoti hai..
Kuch raatein bahut kaali hoti hai...
Kuch ahsaas dard se bhi jyada gahre hote hai...
Kuch apne parayo se bhi jyada door hote hai...
Kuch manzilon per dushwario ke pahre hote hai...
Lekin in sabse guzarte hue tum ghbrana nahi...
Banaye rakhna apna atmvishwas...
Kyoki yehi vo sidhi hai to tumhe Shikhar tak le jati hai...
Yehi hai vo in kahaniya jo man ki har ko jhuthlati hai...
Manzil tak pahuchati hai...aur Jeet ka paigam lati hai...
-