Shubhra Singh   (Shubhra Singh)
79 Followers · 18 Following

Joined 11 March 2019


Joined 11 March 2019
22 JAN 2022 AT 21:50


मंज़िल तक पहुँचने से
खुद अपने आप से आगे निकलने से

-


3 AUG 2021 AT 13:16

घर बड़े हो गए हैं,
और परिवार छोटे

-


3 NOV 2021 AT 19:14

कुछ लोग उतर जाते हैं
मन से,
जैसे उतर गयी हो,
पहाड़ से नदी
एक- एक कतरा बूँद का
चला गया हो
कभी नहीं लौट आने को

-


1 NOV 2021 AT 20:15


जहाँ कि गलियों में हो,
यादों का बसेरा,
पुरानी मुलाकातों की ख़ुशबू,
चाय की टपरी पर बातों की गरमाहट,
पेड़ों पर बीते बसंत,
हवा में सुरमयी वक़्त के नगमे!

हम निकल जाते हैं शहर से,
चले जाते हैं कहीं बहुत दूर,
पर शहर यूँ ही रह जाता है
हमारे भीतर... हर पल!

-


10 AUG 2021 AT 21:35


Love!
Guides, the Lost,
Heals, wounds and scars,
Turns broken pieces,
Into a beautiful picture.

-


26 JUL 2021 AT 21:49

Even in the darkest night
The moon shines bright!

-


24 JUL 2021 AT 21:02

कौन सी ताउम्र ज़िंदगी गुजारनी थी,
दो पल कि मुलाकात थी, शिकायतों में गुज़र गयी

-


18 JUL 2021 AT 21:40

Dare to dream
And fly
Dare to set yourself
Free

-


18 JUL 2021 AT 19:23

Like desert lives with the hope of Rain..!

-


15 JUL 2021 AT 23:04

ज़िंदगी के सफ़र में,
पर अगर तुम साथ दो,
तो बात कुछ और हो!

-


Fetching Shubhra Singh Quotes