हुज़ूर इश्क़ बहुत खूबसूरत है बस कोई समझ उसे नही पाया है
इंसान इश्क से चोट नही खाया बस इंसान ने ही हमेशा गलत इंसान से दिल लगाया है-
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BIRTHDAY 24 AUGUST.... read more
एक अच्छी फसल के लिए एक अच्छा बीज बोते है
कुछ नया पाने के लिए ज़िन्दगी में पुराना सब कुछ खोते है-
गमों के सहारे हुजूर कहां होता जिंदगी का गुज़ारा है
सुंदर चेहरा मासूम आंखें जिसे नज़र नही आई वो ना
कल तुम्हारा था न आज तुम्हारा है-
कोई किसी के लिए चाँद बन रहा है तो कोई किसी के लिए बन रहा सितारा है फिर भी तो मेरे यार कोई बन नही पा रहा हमारा है
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ना तन अपना ना मन अपना खुदा का है जो भी है साफ
रखो रोम रोम अपना थोड़ा तो अपने अंदर वो भी है-
दुनिया से कुछ कहने का ना कल ज़माना था
ना आज ज़माना है इंसान अपनी ज़िन्दगी में
गमों को भी खुद ही लता है खुशियों को भी खुद
ही लाना है-
औरों के लिए कब तक खुद को हम ही जलाएंगे
अंधेरा है यहां भी क्या कभी वो भी हमे देखने आयेंगे
शब्द कम पढ़ने लगे है इतना दिखावा जो ज़माने में है
यहां तो अपना ही अपनों को लगा रहता आजमाने में है-
एक स्त्री जानती है हर शख्स की सोच
पहचानती है बेवकूफ है दुनिया जो उसे
बेवकूफ मानती है-
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी भर के
लिए अब कहां कोई साथ निभा
रहा है वादों से तो बस लोग छलते
है और हर शख्स इस छलावों में
आ रहा है-