की एहसास नहीं है तुम्हे, ना कभी तुम समझ पाओगे । बिछड़ने के बाद तुम जहा भी जाओगे , सिर्फ मुझे और मुझे ही पाओगे और इस इश्क को तुमने अभी जाना ही कहा है , जाना अगर जान जाओगे तो यकीन करो , सब कुछ छोड़ आ मेरे गले लग जाओगे
तुम्हे मुझसे अभी और कुछ छुपाना बाकी है क्या ? तुम्हे मुझे अभी और कुछ बताना बाकी है क्या ? और एक मैं हु जो तलबगार हुं तुम्हारी मोहब्बत का । तुम्हे मुझे अभी और तड़पाना बाकी है क्या ? Shubhlabh dwivedi