shubhlabh dwivedi   (Shubhlabh dwivedi)
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Writer, itfak se
Joined 2 December 2020


Writer, itfak se
Joined 2 December 2020
17 APR AT 0:39

की एहसास नहीं है तुम्हे, ना कभी तुम समझ पाओगे ।
बिछड़ने के बाद तुम जहा भी जाओगे , सिर्फ मुझे और मुझे ही पाओगे
और इस इश्क को तुमने अभी जाना ही कहा है , जाना
अगर जान जाओगे तो यकीन करो , सब कुछ छोड़ आ मेरे गले लग जाओगे

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12 APR AT 1:01

तुम्हे मुझसे अभी और कुछ छुपाना बाकी है क्या ?
तुम्हे मुझे अभी और कुछ बताना बाकी है क्या ?
और एक मैं हु जो तलबगार हुं तुम्हारी मोहब्बत का ।
तुम्हे मुझे अभी और तड़पाना बाकी है क्या ?
Shubhlabh dwivedi

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11 JAN 2022 AT 19:29

कैसी कैसी कहानी कह रहा हु
अपना दर्द अपनी जुबानी कह रहा हु
सुन सको तो बेसक सुनना तुम
मैं तुम्हारी ही तो मेहरबानी कह रहा हु

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16 DEC 2021 AT 20:24

मैं रावण हु या नही मुझे नही पता
पर विभीषण का किरदार
बहुत अच्छे से निभा रहे है मेरे अपने

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16 DEC 2021 AT 20:05

बच्चे का पसंदीदा खिलौना अगर टूट जाए
तो वो रोने लगता है ।
हा ये अलग बात है, तुम बच्चे नही हो।
पर सच तो ये भी है, मैं खिलौना नही था

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14 NOV 2021 AT 19:57

कितना और जलील होना है मुझे
तू बता अभी कितना रोना है मुझे
मैं तो सिर्फ एक वादे पे तेरा हु
तू बता अभी कितनो का होना है तुझे

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30 SEP 2021 AT 1:22

कहने को तो वो सिर्फ मेरा था
पर ना जाने कितनो के संग उसकी राते गुजरी
और कितनो का वो सवेरा था

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25 SEP 2021 AT 3:20

उन्हें अब भी लगता है हम उनसे नाराज है
मुर्शद,
कोई उन्हें जाके बताए
नाराज नही बेइंतिहा नफरत करते है उनसे

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22 SEP 2021 AT 20:26

गालिब ,
उनकी यादों का सैलाब आए
हमे कोई शिकायत नहीं
बस शर्त इतनी सी है
साथ में चार दोस्त और शराब होनी चाहिए

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16 SEP 2021 AT 12:16

मैंने शून्य से शुरुआत की
तो हार किस बात की
और हार गया मैं खुद से ही
तो फिर जीत किस बात की
मैंने शून्य से शुरुआत की

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