Shubhankar Raj   (Vakil sahab)
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Joined 5 January 2020


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19 NOV 2021 AT 20:13

हम फिर से लौटेंगे,
अभी शपथ अधूरी है,
अन्नदाता को जिसने छला है,
उनसे आखिरी भिड़ंत जरूरी है,
ये सूर्योदय से पहले का अँधियारा है,
भोर की तपीश अभी बाकी है।।

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2 OCT 2021 AT 22:56

मुझे पढ़ने वाले को इतना बता दूं मैं,
वो अभी तक कोरा कागज़ ही पढ़ रहे थे,
जैसा लिखा उन्होंने वैसा मिला मैं उनको।।

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1 OCT 2021 AT 17:38

It's a Myth that whoever wants to stay with you or not,it happens automatically.
The truth is that who is living with you and not, it's upto u only....

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19 SEP 2021 AT 22:04

कुछ नही बस आकर इज़हारे ईश्क़ कर दो,
घर मैंने बना रखा हैं,
बस दिल मे आकर उसे अपना कर लो।

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22 AUG 2021 AT 9:28

मैं द्रोपदी का चीर हूँ,
सुभद्रा का मान हूँ,
मैं कृष्ण "राखी" का सम्मान हूँ।।

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12 AUG 2021 AT 21:02

N attach ho
N detach ho
Bas kuch farz
Bas kuch karz
Nibhaye ja rhe ho
Nibhaye ja rhe ho

N kisi se mtlv hai
Pr sbki umeed tmhi ho
Ye kaunsi zindgi tm
Jeye ja rhe ho
Bas jeye ja rhe ho...

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6 AUG 2021 AT 19:18

जब तक बादल है,
जब तक नदी है,
जब तक समुद्र है,
बून्द हमेशा रहेगी,
अस्तित्व को कोई नकार नही सकता,
सत्य को कोई दुत्कार नही सकता...

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6 AUG 2021 AT 19:13

मैं संग भी नही तेरे,
मैं दूर भी नही तुमसे,
तुम जब भी याद करोगी,
सिर्फ मुझे ही पाओगी,
विश्वास नही तो पूछ लो दिल से...

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6 AUG 2021 AT 19:10

मैं कोई दूत तो नही,
मैं कोई नबी भी नही,
मैं सारथी जरूर हूँ,
पहचान सको तो पहचान लो....

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30 JUL 2021 AT 18:50

लो आज एक और किताब अधूरी छोड़ी,
लो आज एक कलम को फिर से रोका,
लो आज एक शुरुवात का फिर से अंत न हुआ,
लो आज पूर्णिमा पे अमावस भारी पड़ गया,
लो आज फिर से मैं हार गया,
लो आज फिर से मैं हार गया।।

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