Shubhangi Aryan   (Shubhangi)
138 Followers · 44 Following

read more
Joined 25 July 2018


read more
Joined 25 July 2018
11 DEC 2022 AT 8:06

चाय की प्याली का कंबल से दोस्ताना
थके मन को जैसे सुकून का गले लगाना
उफ्फ! ये इतवार का आना..

-


11 OCT 2022 AT 18:14

चांद के सिर चढ़ जाने से
नहीं घिरता है अंधेरा!
झिंगुर की आवाज़ नही बताते
सन्नाटे में छिपा है शोर!
सुनी सड़क नहीं दिखाती
घर में भीतर चहल कदमी करते पांव!
बर्तन की ढनमनाहट के रुकने से
खत्म नहीं हो जाती है भूख!
बंद बत्ती का अर्थ नही होता
जागने वाला बचा नही कोई!
बिस्तर पे लेटा आदमी नहीं बताता
किसी का नींद में होना..
रातें एक जैसी नहीं होती सबकी..
ये अपनी परिभाषा से हर पल
द्वंद करती रहती हैं..

-


26 MAY 2022 AT 22:25

आंखें सुख गई, बाट जोहते हुए मेरी
चौखट पे मगर कत्थई नूर नहीं बिखरा है!
गेंदे मिले हैं, गुलाब मिला है
मोगरे का मगर कोई सुराख नहीं मिला है!
कोई ख़ोज लाओ बहारों का मौसम ज़रा
गली में अरसे से पूरा चांद नहीं निकला है...

-


17 MAY 2022 AT 18:47

बहुत मशगूल मिले चहरे, दिनचर्या में उलझे..
फुरसत के लम्हों का आलम जा चुका है..
हाजरी भर से अदा हो रही कीमतें यहां
मुहब्बत निभाने का दौर शहर से जा चुका है!

-


17 MAY 2022 AT 18:21

"I want to hem a red rose on the pocket of your white shirt.."

"No... Then it won't be formal any more"

Little did he know that
"Take it and do whatever you want to!!!"
could be an answer..








-


18 APR 2022 AT 19:10

यात्रा केवल पड़ाव दर पड़ाव को
पार करना नहीं होता..
यात्रा में सम्मिलित होती है
ख़ोज
जो आदमी को
मंज़िल मिलाने के लिए नही
खानाबदोश बनाने की जिम्मेदार है..
मंजिल.... यात्रा का हिस्सा है

-


6 APR 2022 AT 17:55

कहीं से चल कर कहीं भी पहुंचो
याद हमेशा घर की ही आती है...

-


6 APR 2022 AT 17:55

कहीं से चल कर कहीं भी पहुंचो
याद हमेशा घर की ही आती है...

-


17 MAR 2022 AT 19:53

जो भींगा दे वो नज़र, जो रंगा दे वो इश्क!
करीब से देखो तो रोज़ ही होली खेलते हैं हम...

-


8 MAR 2022 AT 15:52

"Gender Equality Today
For a Sustainable Tomorrow"

Read the caption...
(International women's day special)
- Shubhangi Aryan

-


Fetching Shubhangi Aryan Quotes