कोई सलीक़ा सिखाएं चांद को,यूं तारों का सरेआम टूटना ठीक नही। -
कोई सलीक़ा सिखाएं चांद को,यूं तारों का सरेआम टूटना ठीक नही।
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बरसात के पहले सा सुहाना मौसम हो तुम,बरसात के बाद का बिगड़ता आलम हूं मैं। -
बरसात के पहले सा सुहाना मौसम हो तुम,बरसात के बाद का बिगड़ता आलम हूं मैं।
मुंह पर है चासनी,दिल में है ज़हर,मुबारक हो आपको आपका शहर। -
मुंह पर है चासनी,दिल में है ज़हर,मुबारक हो आपको आपका शहर।
तसल्ली दे रखी है दिल को,कल हम सन्दूक लाने वाले हैं। -
तसल्ली दे रखी है दिल को,कल हम सन्दूक लाने वाले हैं।
तमाम भीड़ लगी है मुझे बिगाड़ने में,मैं भी सुधरा हुआ होने की बात पर कायम हूं। -
तमाम भीड़ लगी है मुझे बिगाड़ने में,मैं भी सुधरा हुआ होने की बात पर कायम हूं।
चांद होने के भी तो बहुत से मसलें हैं,ठीक ही है जो हम ज़मीं की नस्लें हैं! -
चांद होने के भी तो बहुत से मसलें हैं,ठीक ही है जो हम ज़मीं की नस्लें हैं!
बादलों को भी क्या कोसे,जब हवा ही पराई हो तो! -
बादलों को भी क्या कोसे,जब हवा ही पराई हो तो!
शरीफ़ तो हर कोई है यहां पर,देखना ये है कि पर्दा किसका उठता है! -
शरीफ़ तो हर कोई है यहां पर,देखना ये है कि पर्दा किसका उठता है!
मैं एक बहुत अच्छा इंसान हूं,बस ये मुझे सबको बताना पड़ता है! -
मैं एक बहुत अच्छा इंसान हूं,बस ये मुझे सबको बताना पड़ता है!
इस रात के अंधेरे में भी बहुत कुछ साफ है,अगर थी गलती उनकी, मेरे तरफ से सब माफ़ है! -
इस रात के अंधेरे में भी बहुत कुछ साफ है,अगर थी गलती उनकी, मेरे तरफ से सब माफ़ है!