आपके एहतराम से हमारी रूहानियत है
साल-ए-नौ की आपको हमारी तहनियत है
-shubh
एहतराम=respect
रूहानियत=spiritualism
साल-ए-नौ=new year
तहनियत=greetings/good wishes-
गुल भी अपनी क़बाएँ कुतर देखता है
क्या सनमा के हुस्न-ए-अज़ल से ही वो महकता है
-shubh
गुल=rose/flower
क़बाएँ=apparel/garment
सनमा=lover/sweetheart
हुस्न-ए-अज़ल=eternal beauty
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अदब से तबस्सुम मेरी ये कह उठी
की लब-ए-सुर्ख़ भी मेरे आज ख़ास हैं
मेहबूब की खुशी उनकी ये कह उठी
की रुख़सार-ए-गुल को रक़्स आज रास है
-shubh
तबस्सुम=smile
लब-ए-सुर्ख़=red lips
रुख़सार-ए-गुल=rose cheeks
रक़्स=dance
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राज़दारी के कुछ फ़साने जो आज झलके हुए हैं
सच जो कहूँ, कुछ हम आज हल्के हुए हैं
-shubh-
न जाने क्यूं करता है वो ग़ीबत मेरी
अब तू ही बता मेरे यार, है मेरी या है ना-दुरुस्त तबीयत तेरी
-shubh
ग़ीबत=slander
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है ये मेरी अज़्म
की तुझपे ही हो मेरी हर इक नज़्म
बैठे जितनी दफ़ा आलिमों की बज़्म
कह सकें वे रख के हज़्म
की मुक़म्मल हो इश्क़ शायर का,
तसव्वुर में न हो खत्म
और अब खातें है इक कस्म
मुसलसल रहे वजूद इश्क़ का,तपिश
अलाव-ए-मोहब्बत की में सितम हो जाएं भस्म
-shubh
azm=determination
nazm=poetry
aalim=intellectual
bazm=gathering
hazm=firmness of mind
muqammal=possible
tasavvur=imagination
musalsal=continuous
अलाव-ए-मोहब्बत=bonfire of love
sitam=injustice-
ज़माने को आशनाई की सख़्त दरकार है
समझता नही वो जो कमबख़्त अय्यार है
-shubh
आशनाई=friendship,relation
अय्यार=artful,cunning-
वो जो इस्लाह की ज़ुरूरत न समझे
वो क्या समझे,क्या न समझे
इस्लाह=correction
-shubh-
लोग कहते हैं,सोच में बहुत बड़ा है वो
तहज़ीब ज्ञान और संस्कारों की खातिर खुद से लड़ा है वो
-shubh-