हैं आप नटखट या ये आंखें नटखटी हैं
गर कहना सच है तो हां, तेरे लब शरबती हैं
इन इशारों को समझ अब तक कहां पाया मैं
इक हां को तकते ना जाने कितनी रातें कटी हैं-
वो लिखना चाहता हूं....
सब धुंधला सा है
यथार्थ, सीरत, प्यार, नफरत
क्या पता क्या है
मैं कौन हूं
इसकी खबर नही अब
मेरा मुझमें बचा क्या है
हां, अंधेरा है
नींदों में है ख्वाबों की शिरकत
वजह क्या है
विकल हूं
पर क्या करूं अब
मेरा मुझमें बचा क्या है-
I wish the world loves me
I wish they admire my work
I wish they know who I am
I wish I am a HERO.
I wish of many things
I wish of only happiness
I wish I do only good things
I wish I become a HUMAN.-
जो पढ़ ना सकूं खामोशी तेरी
तुम आकर बता देना
यूं चुप चाप चले जाना
अच्छा नहीं होता
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तुम भी यहीं, मैं भी यहीं, और क्या चाहिए
तुम हर ज़र्रे में शामिल हो, अब और क्या चाहिए-
सजा है क्यूंकि गुनाह ए मोहब्बत की है
मज़ा भी है हमने नशा ए मोहब्बत की है
अब जो भी हो अंजाम हमे मंजूर होगा
आज मेहबूब ने भी दीदार ए मोहब्बत की है।-
आग कहीं, धुआं कहीं उठ रहा है
आज सभी लैला मजनू हैं, प्यार किश्तों में बट रहा है
उतरे केवल हम नहीं, तुम नहीं, सभी इस दरिया में हैं
हवा कम पर गई शायद इसीलिए दम घूंट रहा है।-
इश्क़ है तो कहदो वरना शाम गुजर जाएगी
आज के बाद क्या पता ये बहार कब आएगी
मैं तो भूखा हूं मोहब्बत का मुझे इलज़ाम न देना
वफा से जो मुकर गए हम, तुम्हारी सहेली भाग जाएगी।-
किसी - किसी के संग ना दिखना अच्छा है
जालिमों की इस महफिल में
कुछ भी ना सीखना अच्छा है
कलम मिले तो रोज लिखूं क्या
सही ना लिखूं तो न्याय ना होगा
आज कुछ भी मेरा ना लिखना अच्छा है-
तुम्हें जाने दिया है
अपने लिए नहीं तुम्हारे लिए
कहने को साथ नहीं, मैं कभी तुमसे दूर न था
मोहब्बत थी तुम, इबादत तुम्हीं
कितने दिन तुमसे शुरू हुए और रातें भी
जो वादे थे वो पूरे हो, ये रब को मंजूर न था
तुम आज खुश हो, मैं हूं या नहीं ये नहीं जानता
कभी भूल पाऊंगा वो पल, ये नहीं मानता
हम साथ रहते हमेशा, लेकिन ऐसा दस्तूर न था
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