ना जाने क्यों आज दिल उदास है।
कहने को नहीं कुछ भी मेरे पास है।
कुछ खोया भी तो नहीं....
ना कुछ पाने की आस है।
पर ना जाने क्यों आज दिल उदास है।
लिखने को नहीं कुछ भी मेरे पास है।
किसी से कोई गिला भी नहीं....
ना ही याद आने वाले कोई खास है।
फिर भी ना जाने क्यों आज दिल उदास है।-
Becouse nobody cares.
ये मेरे जज्बात हैं।
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मिले कभी जो तुमसे दुबारा तो नजरें कैसे मिलाएंगे।
कहनी होगी हजारों बाते पर शायद कुछ भी ना कह पाएंगे।
लेकर एक खामोश मुस्कान तुमसे दूर चले जाएंगे।
मिले कभी जो तुमसे दुबारा तो तुम्हारी ही वो बातें तुम्हें याद दिलाएंगे।
कितना रोया ये दिल तुम्हारे बाद तुम्हें सब बताएंगे।
तेरे मेरे अपने होने का उस एक दिन तुम पर हक जताएंगे।
वो मोहब्बत थी दोस्ती नहीं तुम्हें एहसास दिलाएगो।
नजरें जो मिला पाया तो तुम्हें बहुत खास बताएंगे।
पर शायद तुमसे मिलने के बाद फिर से खुद को तडपाएंगे।
जानता है ये दिल की एक बार फिर से उसे बेहिसाब सताएंगे।
मिले कभी जो तुमसे दुबारा तो फिर उस ख्वाब को जगाएंगे।
उन रातों को तेरी बातों पर एक बार फिर से बेबाक लुटाएंगे।
तेरे दिए हुए वो जख्मो को एक बार फिर से अपने दिल में सजाएंगे।
जा तू बेवफाई के नगमे गा ए जालिम,
हम तेरी यादों से भी रिश्ता निभाएंगे।
मिले कभी जो तुमसे दुबारा तो शायद एक बार फिर खुद को खुद से मिलाएंगे।-
ना जानें क्यू आज मेरा दिल उदास है...
कहने को नहीं कुछ भी मेरे पास है...
कुछ खोया भी तो नहीं...
ना कुछ भी पाने की आस है...
फिर भी न जाने क्यू आज दिल उदास है...-
मैं लिखता हूं जब मैं बेहत उदास हो जाता हूं।
मैं लिखता हूं जब खुद को तन्हा पाता हूं।
मैं लिखता हूं जब खुद से दुर जाना चाहता हूं।
मैं लिखता हूं जब खुद को भुल जाना चाहता हूं।
मैं लिखता हूं जब समझ नहीं पाता खुद को।
मैं लिखता हूं जब मुझसे मेरे हालात नहीं संभलते।
मैं लिखता हूं जब मुझसे मेरे जस्बात नहीं संभलते।
मैं लिखता हूं जब कुछ कैहना चाहता हूं पर कैह नहीं पाता,
सुनाना चाहता हूं पर आवाज नहीं होती,
सोना चाहता हूं पर नींद नहीं होती,
रोना चाहता हूं पर आंसू नहीं होती।
मैं लिखता हूं जब उलझ जाता हूं अपने ही एहसासों में,
तब सुलझा लेता हूं खुद को शब्दों को काजग पर उतार कर।
ना मै शायर हूं,
ना मेरा शायरी से कोई वास्ता है।
बस एक शौक बन गया है,
यादों को बयां करने का रास्ता है।-
किसी को अंगारा बना डाला,
किसी को कुछ भी ना दिया,,
फर्क तो दुनिया बनाने वाले,
तूने भी बहुत किया..।-
बेरोजगार से हो गए है तेरे प्यार के बाजार मे...
बहुत घाटा हुआ है हमे इस एकतरफा व्यपार मे...-
ये पेड ये पत्ते ये शाख भी परेशान हो जाए,
अगर परिंदे भी हिन्दु और मुस्लमान हो जाए।
न मस्जिद को जानते है न शिवालो को जानते है,
जो भुखे पेट होते है वो सिर्फ निवालो को जानते है।
मेरा यही अंदाज जमाने को खलता है,
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यो जलता है।
मै अमन पसंद हूँ मेरे शहर मे दंगा रहने दो,
लाल और हरे मे मत बांटो मेरी छत पर तिरंगा रहने दो।-
One Thing I Have Learned
In My Life.
You Can Be Important
To Someone,
But
Not All The Time.-
मुझको एक बार आजमाते तो सही,
वो मेरी बज्म मे आते तो सही।
आपकी खातीर आपकी खुशियो की खातीर,
खुद भी हो जाते नीलाम बताते तो सही।
मैं भी इंसान हूं पत्थर नही, क्यो ठुकराया,
खुद हो जाता टुकडे-टुकडे बताते तो सही।-