में एक सफर का मुसाफिर हूं
न जाने कहा मेरा सफर पूरा होगा.!!
मंजिल मिलेगी भटकते भटकते
में मंजिल की राह एक उम्र गुजार दूंगा .!!-
निरंतर लिखता रहूं में क्यों किसी के शब्द चुराना
चाह अम्बर तक जाने की क्यों किसी को नीचे गिराना.!!
चलता रहूं में अक्सर कांटो पर शब्दो के क्यों तीर चुभाना
लिखना ही चाह हैं अगर तो मेहनत से क्यों जी चुराना.!!-
ज्ञान के दर्पण में सागर की लहरों में
समुंद्र के गर्भ में अंबर की ऊंचाई मे.!!
मौन की गहराई में अनर्थ के अर्थ में
अनुकल्प के विकल्प में.!!
राष्ट्र के हित में विचारो के सामर्थ्य में
परिपथ के मार्ग में धर्म के आचरण में.!!
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सपनो की एक उड़ान हैं
नए भारत की पहचान हैं.!!
दुनिया में रंग बदलती धरा
स्वर्णिम हिंदुस्तान की पहचान हैं.!!
जय जवान जय किसान
एक लाल भारत का हरित क्रांति का आभारी हैं.!!
स्वपन किया साकार एक लाल भरत भूमि का प्यारा हैं
नाम जिसका लाल बहादुर शास्त्री दुनिया प्रधान हमारा हैं.!!-
कई घंटे बीत जाते हैं तब वो रात जगमगाती है
कई सितारे आसमां में कई मन में ख़्वाब जगमगाते हैं.!!
ऐ रात तुझसे रिश्ता अजब हैं मेरा
सुकून की छांव में पूरी रात साथ निभाती हैं.!!
कभी चांदनी रात तो कभी काली परछाई बन छा जाती हैं
कभी मुस्कुराहट तो कभी दर्द ऐ-दिल सुला जाती हैं
ऐ रात तू जख्म तू ही सुकून दिलाती हैं.!!
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अपने आपका लहजा जरा नर्म रखना
वाणी पर जरा अपनी संयम रखना.!!
न हो दर्द किसी को हर जख्मों का मरहम बनना
शुरुवात खुद से जरूर करना दिन का आगाज कुछ इस तरह से करना .!!-
छुपा कर खुद को अकेले बैठा हूं
खामोशी के पर्दे में लफ्ज छुपा कर रहता हूं.!!
न जानें किसको कब मेरे अल्फाज चुभने लगे
में अक्सर इसलिए बोलता कम लिख ज्यादा लेता हूं .!!-
वो हर वक्त नाराजगी जाहिर करता हैं
फिर भी वक्त बेवक्त मुझे याद करता हैं l.!!
कशिश उसकी मुझे हर वक्त सताती हैं
मुझसे रूठ कर मेरे खिलाफ जो बात करता हैं.!!
न ख्वाइश साथ चलने की न मिलने की हसरत हैं
उसकी सादगी भी क्या गजब की मुझे रुला कर खुद मुस्कुराता हैं!!-
हमारा तुम्हारा मिलना भी एक जंग हैं
एक बन्धन में बंधे वफा भी एक संग हैं.!!
मन की कलिया संग हैं दर्पण भी भंवरो के
कांटे और गुलाब संग हैं.!!
संग हैं तेरे हिस्से की भी मोहब्बत
दस्तूर ऐ दुनिया का वफा से बेवफा भी संग हैं.!!
राह,राग,सफर,हमसफर,रोशनी,अंधियारा
चांद,सूरज,अंबर,धरा,सबका अपना भी एक रंग हैं.!!
कांटे और गुलाब भी तो एक संग हैं-
अकेले ही ज़िंदगी गुजरी हैं कोई मुझे गले लगाने वाला होता
भटक रहा था यूं ही राहों में कोई तो अपनाने वाला होता.!!
सादगी,लफ्ज,अल्फाजों में कहानी मुकम्मल की हैं
कोई किताबो में मुझे पढ़ने वाला होता.!!
गुजार लेता कुछ लम्हे में मांग कर खुदा से
कोई तो मुझे समझने वाला होता.!!
राह मिली सुनी सुनी सी मुझे हर पल
कोई तो साथ देने वाला होता .!!-