shubham singh   (Type _the_poem)
14 Followers · 13 Following

इश्क़, सोच लो सोचने की बात है
Joined 14 December 2019


इश्क़, सोच लो सोचने की बात है
Joined 14 December 2019
23 NOV 2022 AT 9:37

कुछ पल हमारे भी साथ बीते
ज्यादातर दूर, पर कुछ साथ बीते
दुख है की अब मुलाकात अब उतनी मुमकिन नही
पर जीतने हुए यादगार बीते। — % &

-


22 JUL 2022 AT 11:54

I have some seasonal issues

Mujhe garmi me bhi chai chahiye
Mujhe thandi me bhi chai chahiye
Mujhe barsaat me bhi chai chahiye

Dubara padhiye chai ki jagah aap laga kar — % &

-


27 JUN 2022 AT 1:53

हमे इश्क़ मे जला कर क्या पाओगे
तुम हमारे नही उसे जादा क्या सताओगे
बहूत देर कर दी तुमने अब राख के सिवा क्या पाओगे— % &

-


7 MAR 2022 AT 1:01

है उसके बहुत से किस्से क्या क्या सुनाऊँ
भूलना चाह कर भी कैसे भूल जाऊ

है चंचल तो भी क्यों सताउ उसको
है बहूत प्यारी तो क्यों ना प्यार जताउ उसको

लोगों से अलग है मेरे लिए
पास बिठा कर लाड लगाऊं
माथा चूम कर स्नेह लगाऊं

हर वक़्त याद करू खुद को उसमे भूल जाऊ
वो केहती हर बार प्यार से वो मेरी मै उसका हो जाऊ

है उसके बहूत से किस्से क्या क्या सुनाऊँ
भूलना चाह कर भी कैसे भूल जाऊ
— % &

-


5 FEB 2022 AT 17:42

हर तन्हा ख़्वाब से दोस्ती करूँगा
खो के उसे भी अपना कहूंगा— % &

-


24 JAN 2022 AT 23:34

हर गुनाहो मे एक खास बात होती है
वो किसी न किसी कि आखिरी जज्बात होती है

-


20 JAN 2022 AT 19:11

If a girl use you as a toy
Be her soft toy......

-


9 FEB 2020 AT 19:14

तू सपना था,
तू मीठा पल था,
तू बीत गया,
तू कल था।

-


23 DEC 2019 AT 16:12

खेत जिसकी जान है
मेहनत उसकी पहचान है
हारना ना उसकी फितरत में
जिन्दगी ना उसकी आसान है

उसकी कशमकश की लंबी है कहानी
आंधी से वो लड़े जाए
सूखे को पसीने से सिचे
बंजर को उपजाऊ करे
हाथो में बसे हरियाली
अब तिल तिल वो मर रहा है
यही है उसकी कहानी

देश के आर्थिक बल है वो
भूखे देश का फल है वो
फिरभी नेता काट रहे है
झूठे वादे बाट रहे है
कर्ज के बोझ में दब रहे है
फिरभि हम पूछ रहे
नजाने क्यों वो मर रहे है
सत्ता में आने का जरिया बन बैठा
यही राग नेता अलाप रहे है

रब की रहमत है उनकी हाथो में
देवो सी पहचान है
ये हमरे देश के किसान है





-


20 JAN 2022 AT 11:38

एक जो बात थी उसके अलावा सबको केह दी
एक वही था जिसने सुना नही

-


Fetching shubham singh Quotes