Everytime I meet you, you give me the reason why I shouldn't in the first place...!!!
-
बस एक अदना सा रकीम हूँ साहब,
कुछ अनकही बातें जे़हन में लिये हुए
जिन्हें अक्सर कागज़ पर... read more
तेरे जिस्म में उलझना यकीनन पसंद है मुझे लेकिन,
तेरी जुल्फों में उलझने का मजा ही कुछ और है...
सोचता हूंँ कभी तू अपना बचपना बेखौफ होकर मेरे सामने ज़ाहिर करे,
तेरी नादान हरकतों पर मैं हंँसू,
तेरा सरेआम हाथ पकडूंँ...
क्यों है मोहब्बत मुझको?!
कुछ तो बात है तुझ में...
तुम छूती हो जिन चीजों को वो ख़ास बन जाती हैं,
वो बारिश की बूंदे भी तुझ पर रुकना चाहती हैं...
कैसे रुकूँ इन सबको,
कैसे टोकूँ मैं इन सब को,
जबकि मैं खुद तुमसे मिलने के बहाने करता हूँ...!!!-
तन्हाइयों का शोर, फ़रामोश सी ज़िंदगी,
कुछ सन्नाटे भरी महफ़िल में, एक तआरुफ़ खुद से भी...!!!
-
तहरीर-ए-दस्तावेज़ों से जो दिल लगा बैठे हैं,
अब किसी और से दिल लगाना अपने बस की बात नहीं,
और भी मकसद होते हैं इस नायाब ज़िन्दगी के
बस प्यार मोहब्बत में मर मिट जाना अपने बस की बात नहीं...!!!-
बात यह है कि कोई बात नहीं है,
बात यह है कि कोई साथ नहीं है,
बातों का भी क्या करिएगा जनाब
बातें हीं तो हैं, बस बात नहीं है...!!!-
एक समंदर है मेरी आंँखों में कभी डूब कर तो देख,
कई जज़्बात जिंदा हैं दिल में, कभी मुझ में रह कर तो देख...!!!-
जब हार गया जीती बाजी, तो फिर से कोई प्रयास नहीं,
जाओ मेरी हार का जश्न मनाओ
हूंँ बहुत दुखी लेकिन रत्ती भर भी निराश नहीं...!!!-
मेरे हुजरे में नहीं कहीं और पर रख दो
आसमाँ लाए हो, ले आओ ज़मीं पर रख दो,
अब कहाँ ढूंढने जाओगे हमारे क़ातिल
आप तो क़त्ल का इल्ज़ाम भी हमीं पर रख दो,
उसने जिस ताक पर कुछ टूटे दिए रखे हैं
चाँद तारों को भी ले जाकर वहीं पर रख दो...!!!
-राहत इंदौरी
-
लोग त्योहार मनाने में मशगूल हैं और हम अपनी तन्हाई में
आग वहां भी बराबर लगी है और हमारे दिल में भी...!!!-
दुनिया जहांँ की बात की, बस एक बात कहना भूल गई
कुछ ऐसे मुलाकात की, अलविदा कहना भूल गई,
कुछ रश्क था उन लोगों से उसे जो मिलते थे रोज़ मुझे
उस दिन मिली कुछ ऐसे की अपने आप को भूल गई...!!!
-