रात गिनते निकल गए उनकी यादों में
जब मिले तो समझ आया
वो तो सुबह की लाली थी-
Shubham Shrivastava
(shaswat)
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देख कर आंखे मेरी
एक फकीर ने यू कहा
पलकों पर जनाब
ख्वाब का वजन थोड़ा
कम रखिए और
मिजाज में रहिए read more
एक फकीर ने यू कहा
पलकों पर जनाब
ख्वाब का वजन थोड़ा
कम रखिए और
मिजाज में रहिए read more
Joined 23 July 2019
14 JAN 2022 AT 0:42
24 DEC 2021 AT 21:17
Improvement is directly proportional to Confidence and inversely proportional to Self-Doubt.
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22 DEC 2021 AT 21:26
ख्वाब थी वो
रूवाब थी वो
किताबो मे लिखी कहानी थी वो
प्यार की एक सुखद निशानी थी वो
ख्वाब थी वो-
7 SEP 2021 AT 18:45
तुझे कुछ कह पाऊ
वो अल्फाज नही थे।
सिर्फ मोहब्बत थी मेरे पास
अंदाज़ नही थे।-
11 AUG 2021 AT 13:21
अपने चैन के लिये दूसरो को बेचैन करने वाले भी अपराधी होते है।
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8 AUG 2021 AT 23:33
"ना" बोलना भी एक कला है
जो ना सीख पाया
वो जिंदगी भर "सहा" है-
4 AUG 2021 AT 0:11
Education is subject to limitations, But Knowledge is beyond words.
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28 JUL 2021 AT 22:46
Everything is Possible, If You are Ready to do Impossible Things.
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