इन्हें संभाल कर रखना।
यकीन नही?...
तो किसी रोज़ आज़्मा कर देखना।।।।-
A dreamer, traveller, and maybe a writer... read more
खून्ं की नदियां बहनें से तो रोक दिया,
पर आंसुओं के समंदर को कैसें रोकोगे?।
इंसान की तादाद तो बढते जा रही हैं,
मगर घटती इंसानियत को किस तरह रोकोगे?।।
आसान था चंद अमीरों के लिये अपना वतन छोड देना,
मगर बेबस आवाम्ं पर होते झुल्मों को कैसे रोकोगे??।।।-
Aaj Iss Zehan ne unki Ger-Maujudgi ka zikr kiya hai!
Woh khairiyat se hai bhi ya nahi,
Humare Dil ne iss baat ka fikr kiya hai...-
वक़्त बदल देते,
जज़्बा हममें भी था।
पर जो बदले हुए अपने ही रास ना आए।।
तो लज़्मि हैं,
वक़्त पे शक़ तो होना ही था!!
-
Ye toh apne apne Nazariye ki Baat hai Hukum!
Jisko Mureed banne ki Khwaish hai,
Wahin use Gulaam banane ki Sazish hai....-
आज का ज्ञान: जब तक समर्थ ना हो, तब तक किसीसे विवाद मत करना,
क्युकी आजकल विवाद का आधार सामर्थ्य से होता हैं!!!-
आज एक दर्पण ने मुलाकात हमसे हमारी करवाई,
पर न जाने क्यूँ, एक अजीब सी कशमकश थी जहन मै छाई,
रब जाने इसे मुकद्दर कहुँ या मजबूरी मेरी,
हमसे हमारी खुद की पहचान न हो पाई!!! (२)।।।
-
उन्के बर्ताव मैं बदलाव नज़र आया है,
लगता है ज़रूरत पूरी हो गई उनकी।।।।-
Tumhe Mubaarak ho Ishq ki Ameeri,
Hume zimmedariyan Nibhana Lazmi hai...-
आज एक एहसान तू मुझपर कर्दे,
कुछ वक़्त के लिए ही सही,
तू मुझे तन्हा छोड़ दे!
बशक लौट आना दोबारा मेरी जिन्दगी मैं,
मगर फिलहाल के लिए,
तू अपने कदमों को मोड दे!!
तू मुझे तन्हा छोड़ दे!!
माना की कसम खाई है तुने मुझे ना छोड़ने कि,
पर आज,, सिर्फ एक बार के लिये ही सही,
तू अपनी कसम तोड़ दे!!!
तू मुझे तन्हा छोड़ दे (२)!!!-