सुन जिन्दगी.....!
आ बैठ मेरे साथ, एक प्यारी सी मुलाकात करते हैं....
अपनी अपनी टूटी और छूटी ख्वाहिशों पर बात करते हैं,
हर गम और हर खुशी को मिल बाँट करते हैं
आ बैठ मेरे साथ कुछ पल खास करते हैं,
चल बैठ आसमान के तले तारों को गिनते हैं
और टूटते तारों से कुछ ख्वाहिशों की मांग करते हैं,
मैं अगर निराश हूँ तो तू भी तो उदास है
चल आज दोनों मिलकर कुछ बिंदास करते हैं,
कुछ महकते लम्हें अपने नाम करते हैं
आज मिलकर ये छोटा सा काम करते हैं,
सुन जिन्दगी आ बैठ मेरे साथ.....!!-
तुम्हारी यादों को दिल में संजोकर
मैं आज एक पैगाम लिखूंगा.....
तुम रहती हो सदा धड़कनों में मेरी
मैं तुम पर एक किताब लिखूंगा,
करवटें बदलता हूँ जिन्हें देखकर मैं
वो सारे हसीं मैं ख्बाब लिखूंगा,
दिन के उजाले में महसूस करता हूँ तुम्हें
इंतज़ार में तुम्हारे एक शाम लिखूंगा
तुम रहती हो सदा धड़कनों में मेरी
मैं तुम पर एक किताब लिखूंगा.....
ना हुई है, ना कभी होंगी तेरी यादें जुदा मुझसे
मैं ऐसी मिसाल हर बार लिखूंगा
ना कोई डर मुझे इस दुनिया के रसूलों का
मैं अपने प्यार को सरेआम लिखूंगा
तुम रहती हो सदा धड़कनों में मेरी
मैं तुम पर एक किताब लिखूंगा.....
मुस्कुराती रहो तुम जिंदगी में यूं ही हमेशा
मैं ऐसी हर दुआ तुम्हारे नाम लिखूंगा,
करनी होगी जब भी इजहार-ऐ-मोहब्बत तुमसे
मैं हर बार तुम्हें अपनी जान लिखूंगा
तुम रहती हो सदा धड़कनों में मेरी
मैं तुम पर एक किताब लिखूंगा.....!!-
अब तू चिन्ता मत कर चेहरे का खोल बदल देंगे
इतिहास की क्या हस्ती है पूरा भूगोल बदल देंगे,
धारा हर मोड़ बदलकर लाहौर से गुजरेगी गंगा
इस्लामाबाद की छाती पर लहरायेगा भारत का झण्डा,
रावलपिंडी से कराँची तक सब कुछ गर्त हो जायेगा
सिन्धु नदी के आर- पार पूरा भारत हो जायेगा.....।।
🇮🇳 जय- हिन्द 🇮🇳-
चलो हँसने की हम कोई वजह ढूँढते हैं
जिधर ना हो कोई गम वो जगह ढूँढते हैं,
बहुत उड़ लिये ऊँचे आसमानों में यारों
चलो जमीं पर ही कहीं हम सतह ढूँढते हैं,
छूटा संग कितनों का जिन्दगी की इस जंग में
चलो उनके दिलों की हम गिरह ढूँढते हैं,
बहुत वक़्त गुजरा भटकते हुये अंधेरों में
चलो अंधेरी रात की हम सुबह ढूँढते हैं.....!!-
मैं और तुम.....❣️
मैं समुंदर तुम किनारा बन जाओ,
मैं रहूँ बेचैन तुम सहारा बन जाओ।
मैं हूँ खामोशियों की गहराइयों में,
तुम मेरी बातों का इशारा बन जाओ।
मैं जो बिखर जाऊँ कभी राहों में,
तुम मेरी तक़दीर का सितारा बन जाओ।
मैं और तुम यूँ मिलें एक दुआ की तरह,
मैं कहानी बनूँ तुम इशारा बन जाओ.....!!-
सुनो एक इज़ाजत दोगी क्या,
हाथ बढ़ाऊँ तो थाम लोगी क्या.....
समझौते और झगड़ों से भरे रास्ते,
थोड़ा मैं और थोड़ा तुम बाँट लोगी क्या.....
दिन की कड़कती धूप मैं सह लूँगा,
अंधेरी रात साथ में तुम काट लोगी क्या.....
दर्द खिलाफत बिछड़न भरा सफर,
साया मैं जो बनूँ मेरा साथ दोगी क्या.....??-
किसी को क्यों लिखूँ खुद की कहानी लिखूंगा
ऐ जिन्दगी तेरे दिये हर जख्म की निशानी लिखूंगा,
कोई कहेगा कि तू सबसे बुरा दौर लिख ज़िन्दगी का
मैं ये बेखयाली और ये दौर- ए- जवानी लिखूंगा,
मुझसे मत पूछना तुम मेरे इश्क की बातों को
गर मैं इश्क़ लिखूंगा तो बस मैं नादानी लिखूंगा,
किसी मोड़ पे आके ये दिल ठहर भी जाये कहीं
तो इसे बस एक इत्तेफाक या फिर हैरानी लिखूंगा,
तूने दिया नहीं मौका होंठों की हँसी लिखने का
मैं जब भी लिखूंगा इन आँखों का पानी लिखूंगा.....!!
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एक रात एक बात लिखूँगा
मैं तुम्हें मेरे साथ लिखूँगा,
बड़ा- सा चाँद और ठंडी हवाएँ
फिर आपके हाथ में मेरा हाथ लिखूँगा,
हकीकत में तो आप शायद कभी मिलोगे नहीं
एक किताब में मैं अपनी मुलाकात लिखूँगा,
मेरी किताब में सब मेरी मर्जी का होगा
आप सो जाओगी जब मैं दिन को रात लिखूँगा,
आप मेरे क्यूँ ना हो सके ये सवाल लिखूँगा
और आपके दिल में मैं नहीं हूँ तो क्या मैं
आपका हूँ ये मैं हर दिन हर रात लिखूँगा.....।।-
तेरा ख्याल मेरे मन से ना जाये
तो मैं क्या करुँ.....
तू ही बता तेरी याद बेहिसाब आ जाये
तो मैं क्या करुँं.....
हसरत ऐसी है कि तुझे एक नजर
सामने देख कर छू लूँ.....
और किस्मत ये लम्हा ही ना लाये
तो मैं क्या करुँ.....!!-
दर्द कागज पर मेरा बिकता रहा
मैं बेचैन था रात भर लिखता रहा,
छू रहे थे सब बुलन्दियाँ आसमान की
मैं सितारों के बीच चाँद की तरह छिपता रहा,
अकड़ होती तो कब का टूट गया होता
मैं था नाजुक डाली जो सबके आगे झुकता रहा,
बदले यहाँ लोगों ने रंग अपने- अपने ढंग से
रंग मेरा भी निखरा पर मैं मेंहदी की तरह पीसता रहा,
जिनको जल्दी थी वो बढ़ चले मंजिल की ओर
मैं समंदर से राज गहराई के सीखता रहा.....!!-