खोने को कुछ नही है,ले जाने को कुछ नहीं
उड़ जाएंगे एक दिन तस्वीरों से रंगों की तरह
हम वक़्त की टहनी पर बैठें हैं,परिंदो की तरह
खटखटाते रहिए दरवाजा एक दूसरे के मन का
मुलाकाते ना सही आहटे आती रहनी चाहिए...
ना राज है ..ज़िन्दगी ..
ना नाराज हैं.... ज़िन्दगी ..
बस जो हैं वो आज है ..ज़िन्दगी...!!-
बस यहीं दो मसले ज़िंदगी भर न हल हुए ,
ना नींद पूरी हुई न ख्वाब मुक्कमल हुए ,
वक़्त ने कहा काश और थोड़ा सब्र होता....
सब्र ने कहा काश ....
थोड़ा और वक़्त होता ...।।😎-
की लेकर आया हूँ पैगाम आखरी
जाने कब ये बात होगी
घड़ी दो घड़ी साथ और है
जाने फिर कब ये मुलाकात होगी
की निकल पड़े थे सफर पर हम सब
वो भी दिलकश बात थी
कुछ हिचके थे कुछ सरमे थे
सपनो की दुनिया भी साथ थी
की होड़ मची हर दिल मे थी
जीते हर मोड़ पर बिना हारे
हम हार कर भी खुश है
हारे जिनसे अपने थे सारे
ख़त्म हो रहा ये सिलसिला
यहाँ आगे फिर एक नई शुरुआत होगी
घड़ी दो घड़ी का साथ और है
जाने फिर येअब मुलाकात होगी (2)-
खुद को दूसरों से मुकाबला करना छोड़ दो
सूरज हो या चांद चमकते अपने समय पर ही हैं-
ज़िन्दगी में तूफानों का आना भी
बहुत जरूरी है हुजूर ...
जिससे पता चले की कौन हाथ
पकड़ कर भाग रहा है ,और कौन हाथ छोड़ कर ...!!-
कल को सही करने में खुद से खुद के
अंदर लड़ रहे है हम
न जाने कल को बेहतर करने के लिए
कितनी मुश्किले सह रहे है हम...!!-
सपने और लक्ष्य में एक ही अंतर है
सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए
और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत ...!!-
एक नामचीन बस्ती में गुमनाम सा आदमी हूँ
मैं एक खास शहर में एक आम सा आदमी हूँ-
वो था जमाना गुजर गया कब का
वो था दीवाना मर गया कब का
मेरा जो जख्म है अब वो ही जाने
अपना तो जख्म भर गया कब का ...!!-