shubham rajak   (Shubham rajak)
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अनछुए एहसासो को अल्फाज़ों से छूना ही मेरी पहचान है।
Joined 24 May 2018


अनछुए एहसासो को अल्फाज़ों से छूना ही मेरी पहचान है।
Joined 24 May 2018
15 FEB 2022 AT 19:53

इन आंखों के बेहते हुए आंसुओं को बस एक किनारा चाहिए ,
थाम लो ये हाथ इन्हें साथ जिंदगी भर बस तुम्हारा चाहिए,
चल पड़े हैं यादों की राहों में ,गर हो मुलाकात किसी मोड़ पर तो बस साथ तुम्हारा चाहिए ।— % &

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28 SEP 2021 AT 14:01

Some dreams has been completed,
Some dreams should be remains,
I believed in karma
No more life sucks again.

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28 SEP 2021 AT 8:51

मिली हैं रूहें तो,रस्मों की बंदिशें क्या?
ये जिस्म तो एक दिन खाक हो जाना है,
फिर इसमें रंजिशें क्या?

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19 SEP 2021 AT 14:00

खुद की मेहनत से हासिल किए मुकाम पर गर्व होना लाज़मी है ,
दूसरों की सिफारिशों से हासिल किए मुकाम तो एक कर्ज होते हैं।

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31 AUG 2021 AT 17:52

जिससे रूह मिली ,उससे कभी जिस्म न मिल सके ,
जिससे मिले जिस्म ,उससे कभी रूह ही न मिल सकीं ।

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15 AUG 2021 AT 22:45

You never missed a person ,
You always missed the memories,
You missed that quality time,
you've spent with him/her.

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4 AUG 2021 AT 23:17

महफ़िलों में ज़िक्र हो जब तेरे नाम का
तो हँस के टाल देते हैं हम ,
तुझसे दूर रहने का हौसला नहीं मगर
खुद को तेरी खातिर सम्भाल लेते हैं हम !

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25 JUL 2021 AT 14:37

ख्वाहिशों के परिन्दों के पर क्यूँ काटे जा रहे हो,
अपने हौंसले की उड़ानों को क्यूँ तुम तैरना सीखा रहे हो,
ज़िम्मेदारियों के बोझ ताले क्यूँ अपनी ,जिंदगी दबा रहे हो
अपने ख्वाबों को कर बन्द पोटली में ,
असमान में बिना पँखों के क्यूँ उड़ना चाह रहे हो ?

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2 JUL 2021 AT 21:50

हर शाम सूरज यूँही ढलता रहा,
बादलों में छिप कर चाँद यूँही निकालता रहा ,
में चिराग अंधियारों का रात भर यूँही जलता रहा ,
पिया मिलन की आस में,बन मोम सा यूँही पिघलता रहा ।

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9 JUN 2021 AT 15:35

भरी धूप में खुद खड़े होकर ,
आंचल में अपने बच्चे को छुपाती है,
लाल भूखा ना रहे वो खुद ही भूखी सो जाती हैं,
बच्चों को सूखे में सुला कर खुद गिले में सो जाती हैं ,
एक रोटी मांगों तो वो दो दे जाती हैं,
जो कुछ ना बताने पर भी ,
ना जाने वो केसे सब कुछ जान जाती हैं ,
बिना ब्रेक के ता-उम्र वो ,
अपना जीवन बच्चों के लिए समर्पित कर जाती हैं ,
ये साधारण नारी , यूहीं नहीं माँ कहलाती हैं ।

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