इन आंखों के बेहते हुए आंसुओं को बस एक किनारा चाहिए ,
थाम लो ये हाथ इन्हें साथ जिंदगी भर बस तुम्हारा चाहिए,
चल पड़े हैं यादों की राहों में ,गर हो मुलाकात किसी मोड़ पर तो बस साथ तुम्हारा चाहिए ।— % &-
Some dreams has been completed,
Some dreams should be remains,
I believed in karma
No more life sucks again.-
मिली हैं रूहें तो,रस्मों की बंदिशें क्या?
ये जिस्म तो एक दिन खाक हो जाना है,
फिर इसमें रंजिशें क्या?-
खुद की मेहनत से हासिल किए मुकाम पर गर्व होना लाज़मी है ,
दूसरों की सिफारिशों से हासिल किए मुकाम तो एक कर्ज होते हैं।-
जिससे रूह मिली ,उससे कभी जिस्म न मिल सके ,
जिससे मिले जिस्म ,उससे कभी रूह ही न मिल सकीं ।-
You never missed a person ,
You always missed the memories,
You missed that quality time,
you've spent with him/her.-
महफ़िलों में ज़िक्र हो जब तेरे नाम का
तो हँस के टाल देते हैं हम ,
तुझसे दूर रहने का हौसला नहीं मगर
खुद को तेरी खातिर सम्भाल लेते हैं हम !-
ख्वाहिशों के परिन्दों के पर क्यूँ काटे जा रहे हो,
अपने हौंसले की उड़ानों को क्यूँ तुम तैरना सीखा रहे हो,
ज़िम्मेदारियों के बोझ ताले क्यूँ अपनी ,जिंदगी दबा रहे हो
अपने ख्वाबों को कर बन्द पोटली में ,
असमान में बिना पँखों के क्यूँ उड़ना चाह रहे हो ?
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हर शाम सूरज यूँही ढलता रहा,
बादलों में छिप कर चाँद यूँही निकालता रहा ,
में चिराग अंधियारों का रात भर यूँही जलता रहा ,
पिया मिलन की आस में,बन मोम सा यूँही पिघलता रहा ।-
भरी धूप में खुद खड़े होकर ,
आंचल में अपने बच्चे को छुपाती है,
लाल भूखा ना रहे वो खुद ही भूखी सो जाती हैं,
बच्चों को सूखे में सुला कर खुद गिले में सो जाती हैं ,
एक रोटी मांगों तो वो दो दे जाती हैं,
जो कुछ ना बताने पर भी ,
ना जाने वो केसे सब कुछ जान जाती हैं ,
बिना ब्रेक के ता-उम्र वो ,
अपना जीवन बच्चों के लिए समर्पित कर जाती हैं ,
ये साधारण नारी , यूहीं नहीं माँ कहलाती हैं ।-