मैं खामोश हूं
शोर सिर्फ समुद्र करती है रात काली है जरूर
पर तेरा आंख से ज्यादा नही
सफर तय करना है जरूरी पर
इसके बाद तुम कहा हो
फिक्र होती मुझे भी पर मसला
कई है सिर्फ गुजारिश है मुलाकात की इसमें दिले तमन्ना भी बहुत है-
धन नही कोई धाम होगा तेरा कर्म ही एक मात्र साथ होगा
रुका तो खोया आगे बढ़ तभी नाम होगा
चलना ही तेरा मात्र काम होगा
अभी लंबी कतार है पर तेरा अलग चाल होगा अगर खोजा तो वह तेरे पास होगा
निशान मिटते ही रोशनी का आगाज होगा जो साथ चले वह नही पास होगे
तरीके बहुत पहुंचने के पर
पैदल मात्र एक रास्ता होगा-
तेरी यादों को भूल न जाऊ
इसलिए तेरे शहर का
अपना ठिकाना बना लिया
हमे आसमान की ख्वाइश थी
अब एक पेड़ को अपना
ठिकाना बना लिया-
तेरी खुशी में अब मेरी भी खुशी है
साथ नही पर याद हर घड़ी है
काट लेंगे सारी उम्र भी पर
तेरी एक झलक की ख्वाइश अब भी है-
मेरे मन में जले हर दिए की कसम
आज तक जो किया उस किए की कसम
मैं जहां प्यार की आस लिए बैठे रहा
लौट आओ उसी हाशिए की कसम-
किसी कि वफा को
इस कदर सरहाना की
मैंने अब उसके अलावा
सब बेवफा लगने लगे-
किसी कि वफा को
इस कदर सरहाना की
मैंने अब उसके अलावा
सब बेवफा लगने लगे-
मै गैर जिम्मेदार हो सकता हूँ पर गैर परवाह नही
मुझे कभी किसी स्कूल मे फिक्र जाहिर करना सिखाया नही
इसलिए कर देता हूँ जो अच्छा लगे,-
तास के पत्तो सा आशियाना हमारा है
हवाओ के जद से डरता है
हम हाथों से रोके हैं कब से
कोई और आता कहां है
पता नही क्या अकेला घर
हमारा है-