खुशी ये कि उसकी साज़िशें बेआबरू हुयीं,
ख़लिश ये अपनी पसंद पर शर्मिंदा होते रहे हम !
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Shubham Rai
(Shubham Rai)
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Joined 12 February 2019
3 NOV 2022 AT 14:34
10 MAR 2022 AT 11:08
उनके नहले को अपने दहले से पीट रहे है
बुलडोजर वाले बाबा यूपी जीत रहे हैं-
5 JAN 2022 AT 22:37
कभी अश्कों में, तो कभी शब्दों में ...
तुम हमेशा मुझको, ख़ुद में ही पाओगे..-
12 DEC 2021 AT 9:07
कितना वाक़िफ थी ,वो मेरी कमजोरी से,
वो रो देती थी, और मैं हार जाता था,-
12 DEC 2021 AT 9:02
Haqdar tum bhi rahi
Haqdar hum bhi rahe
Na tum kuch jataa saki
Na hum kuch bataa sake-
15 OCT 2021 AT 12:20
मैं क्या करूँ मेरे क़ातिल,न चाहने पर भी,
तेरे लिए मेरे दिल से दुआ ही निकलती है।
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13 OCT 2021 AT 10:21
कैसे कहें के तुझको भी हमसे है वास्ता कोई,
तूने तो हमसे आजतक कोई गिला किया नही!
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6 APR 2021 AT 22:49
Jo dekh raha hu
Kahi wo khwab to nahi
Kaato ke bhesh me chupa
Gulaab to nahi.....-
6 APR 2021 AT 9:48
Itna to mera dil bhi
Janta jarur hai..
Kitni to mere pass hai
Aur kitni tu durr hai-