Mujhe Prem ho nahi Sakta ab Phir se,
Augar ho bhee gaya to kisse mohobbat ke khenge kis ke.
Wo khoobsurat hai koi saja ke rakhe unhe,
Hum es raha pr ruk ke taa Umar intzar krenge unka Has ke.-
जिस दिन थम जाए यह कलम भी तो
सोच लेना हम ना रहे।
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कि बहुत खूब लगते हो तुम अब भी जब भी तुम आते हो ख्यालों में मेरे,
पर फिर याद आता है कि जब तक हम "हम बिस्तर" रहे तो मोहब्बत थे तेरी,
पर बात जब हमसफर की आई तो हम काबिल भी ना रहे तेरे।-
आसमानी ख्वाब थे।
टूट कर कुछ ऐसे गिरे जमी पर।
ना ख्वाब रहे और ना ही हम।-
अंधेरा है तो उजाला आएगा।
अभी रात है तो,कल सबेरा आएगा।
पर जो बीत गया है वो अब लौट ना आएगा।
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जरा सा मुस्कुराना चाहते हैं।
कुछ पल फिर से बचपन के बिताना चाहते हैं।
बड़े क्या हुए अब मां के हाथ का खाना नहीं मिलता।
अब कोई ना खाने पर भी नहीं मानता,
हम भी तो कभी रूठना चाहते हैं।
अरसा हुआ सकून से सोए,
काश अब वो रात आए हम भी जी भर सोना चाहते हैं।
पलकें भी नहीं सूखती कि सुबह हो जाती हे,
जी बाहर रो ही लेने दो।
हम फिर से जरा सा मुस्कुराना चाहते हैं।-
Kiya Kisse Likhu, Kiya Kahani Likhu.
Kis Kalam Se Meri Jawani Likhun.
Ankho Se behta Pani Likhun.
Ya Fitart Uski Wo Khandani Likhun.
Ishk Mohbat Sab Jhoota Hai,
Kis Kalam Se uski Jhooti Jubani Likhu.
Hale Dil Phir Bhee Chahta Hai ki wo khush rahe,
Tahe Dil Se Me Meri Jubani Likhu.-
अक्सर तो नहीं पर एक रोज़ लिखेंगे हम भी जज़्बात अपने,
उतने हम तेरे हुए ! जितने हुए न हम ख़ुद भी कभी अपने।-
मैं जब भी तुमको लिखता हूँ,
आँखों में दीपक जलता है।
जैसे रात अँधेरी चली गई,
हर दिन सूरज भी तुम सा खिलता है।
आँखों में अगर मेरे पानी है ,
तो सागर की गहराई तुम।
जाऊँ कहीं पर भी अगर मैं तो,
संग चलती मेरे जैसे मेरी परछाई तुम।-
आता है प्रेम में एक वक़्त ऐसा भी,
जब गीला होता है तखिया तब थम जाती हैं सांसे भी।-