एक बात है,
जिसकी खबर मझे हैं मगर पता तुम्हे नहीं।
मेरे ज़ेहन में है,लेकिन होठों पे नहीं।
लेकिन जो ये एक बात है,
एक एहसास है,
जो अभी भी बेआवाज है।
एक अधूरा गीत- सा है, जिसके
सुर है, मगर ताल नहीं,
अंतरा हैं, मगर मुखड़ा नहीं,
बोल हैं, मगर आवाज नहीं।
बेखबर है दुनिया अभी भी,
ऐसा ये एक राज़ हैं ।
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