माँ
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Shubham Nagayach
(Shubham Nagayach)
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Joined 21 December 2017
18 DEC 2020 AT 22:08
वो मेरा आंगन
सुबह की अजान ,शाम की वंदना
एक अनूठी दुनिया का, अनोखा से खिलौना
था आँशुओ का रैला , खुशियो का मेला
वो मेरा आंगन , उम्मीदों का सवेरा
चहलकदमी नन्ही सी, चोटो का अम्बार
बेजान आंखों का, लाडला गुलिस्तान
था गर्मी की तपिश, बरसात का जहाज़
वो मेरा आंगन, वो ढलती हुई शाम
नादान सी गुस्ताखियां,भीनी सी मुस्कान
किलकारियों की गूंज का अलबेला जहान
लड़खड़ाती जुबान में कहानियों का पैगाम
वो मेरा आँगन ,वो सितारों की रात
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