आओ सुलझा ले किसी रोज़ मुआमलात सारे।मसले ज्यादा तूल पकड़ जाए तो हल नहीं होते।। -
आओ सुलझा ले किसी रोज़ मुआमलात सारे।मसले ज्यादा तूल पकड़ जाए तो हल नहीं होते।।
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बाज़ार-ए-सुख़न के दाम अच्छे हैं।यहां आह भी वाह-वाह में बिकती है।। -
बाज़ार-ए-सुख़न के दाम अच्छे हैं।यहां आह भी वाह-वाह में बिकती है।।
बदन को काटता है दुःख, मलाल नोचतें हैं।ये इश्क-ए-दर्द भेड़िये हैं, और ये खाल नोचतें हैं।। -
बदन को काटता है दुःख, मलाल नोचतें हैं।ये इश्क-ए-दर्द भेड़िये हैं, और ये खाल नोचतें हैं।।
हम अपनों से परखे गए हैं, गैरों की तरह।हर कोई बदलता गया, हमें शहरों की तरह।। -
हम अपनों से परखे गए हैं, गैरों की तरह।हर कोई बदलता गया, हमें शहरों की तरह।।
तेरी यादों के नशे में चूर हो रहा हूं।लिखता हूं तुम्हें और मशहूर हो रहा हूं।। -
तेरी यादों के नशे में चूर हो रहा हूं।लिखता हूं तुम्हें और मशहूर हो रहा हूं।।
बहुत क़रीब से गुज़रे उनके, मग़र ख़बर ना हुई।कि उजड़े शहर की दीवार में खज़ाना छुपा रखा था।। -
बहुत क़रीब से गुज़रे उनके, मग़र ख़बर ना हुई।कि उजड़े शहर की दीवार में खज़ाना छुपा रखा था।।
जिस को कहते हुए तकलीफ़ बहुत होती है।"शुभम्" मेरे उस शे'र की तारीफ़ बहुत होती है।। -
जिस को कहते हुए तकलीफ़ बहुत होती है।"शुभम्" मेरे उस शे'र की तारीफ़ बहुत होती है।।
एक रोज उसके ख्वाब मेरे नींद में आने से मुकर जायेंगेबहुत दिन गुजरे बिन उसके, किसी दिन हम ही गुजर जायेंगे।। -
एक रोज उसके ख्वाब मेरे नींद में आने से मुकर जायेंगेबहुत दिन गुजरे बिन उसके, किसी दिन हम ही गुजर जायेंगे।।
रात भी, नींद भी, कहानी भी।हाए क्या चीज़ है जवानी भी।। -
रात भी, नींद भी, कहानी भी।हाए क्या चीज़ है जवानी भी।।
मैं चाहता हूं जी लू उसको देख कर।मगर मैं हूं कि उस पर मरता जा रहा हूं।। -
मैं चाहता हूं जी लू उसको देख कर।मगर मैं हूं कि उस पर मरता जा रहा हूं।।