लौटी है दिल मे धडकन..सिर्फ उनके फ़ोन के आने से
ज़िन्दगी कुछ दूर तलक चलेगी...इसी बहाने से..!
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There is no flour,if wheat is not Pressed
There is no perfume,if flower is not Crushed
So,don't be afraid if there are pressure in your life , it will bring the best out of you.-
तन के अंदर मन रहे
मन को रुँधे नैन,
नैन बिना मन क्या करे
बिन देखे नहिं चैन..-
एक मुद्दत से, लिपट कर तुम्हें
रोने को करता है दिल
सुनो, बेफिजूल ही सही
मुझसे एक झगड़ा कर लो!-
ख्वाबों के दरमियां रहते हुए
हकीकत से फासला सा हो गया
वो फासला ताउम्र मिटा नहीं सकती
अब हकीकत से सामना सा हो गया
आंखों पर खुशियों की चादर सी चढ़ी थी
जगते ही आंसूओं से रिश्ता गहरा सा हो गया
झूठे वादों को सच समझ खुशियां बाहों में थी
सच जानते ही शिकायतों का पहरा सा हो गया
बेधड़क बारिश में नाचता था मै
तुझसे मिल आंसू छुपाने का ये बहाना सा हो गया
कल्पना ही मेरी खूबसूरत थी इश्क के लिए
हकीकत में मिलते ही इश्क से हर्ज सा हो गया
खुद की कभी पहली पसंद था मैं
तुझसे मिलते ही खुद को देखने से इंकार सा हो गया-
उसका दर मिले, उस से नज़र मिले
जिस से लिया मर्ज़ , उस से ही दवा मिले.
हो असर, मेरे मुन्तज़िर रहने का इतना
चले ज़ोरों की हवा और उसकी महक मिले.-
जाड़ों की गुनगुनी धूप तुम
तन के आलोचक रोमों को
कालिदास की उपमा जैसी
ऋतु-मुखरा की कटि पर बजतीं
किरणों की करघनी धूप तुम
जाड़ों की गुनगुनी धूप तुम ...
अज्ञात-
एक उम्र चुरा लो गुस्ताखी के लिये,
हर उम्र अदब से गुजरे तो क्या जिये..-
तुम ही बताओ मैं तुम्हें क्यूँ भूलूँ
ऐसा नहीं है कि तुमसे खूबसूरत कोई देखा नहीं
मगर तुम्हारे दिल की तरह किसी का दिल खूबसूरत नहीं देखा
जहाँ दुनिया लगी हुई है अपने अपने मतलब को सीधा करने में
एक तुम थीं जिसने कभी मुझसे प्यार में अपना कोई मतलब नहीं देखा
ऐसा नहीं है कि तुमसे बेहतर मुस्कुराने वाला नहीं देखा
मगर तुम्हारी मुस्कुराहट से यूँ लगता था जैसे ज़िन्दगी में कोई दुःख है ही नहीं
जहाँ दुनिया प्यार का मतलब सिर्फ और सिर्फ पाना समझती है
एक तुम थीं जिसने मुझपर प्यार लुटाया बिना कुछ पाने की उम्मीद किये
ऐसा नहीं है कि तुमसे बेहतर मुझसे बातें किसी ने नहीं की
मगर तुम्हारी बातों के बीच की खामोशियों में जो बात थी वो किसी के में नहीं
जहाँ दुनिया लगी हुई है बड़ी बड़ी खुशियों को पाने में, उनमें सुख ढूंढने में
एक तुम थीं जिसने मुझे सिखाया कि ज़िन्दगी छोटी छोटी खुशियों से बनती है
अब तुम ही बताओ क्या फँस जाऊँ अब मैं भी ऐसी दुनिया में
या फिर हमेशा तुम में रहूँ जहाँ हरदम तुम नहीं हो कर भी हो कहीं
अब तुम ही बताओ क्या मेरी बारी नहीं है तुम पर प्यार लुटाने की बिना शर्त
या फिर मैं भी ढूंढूं उस बड़ी खुशी को जो देखने मे तो है मगर फिर भी झूठी है
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अब तुम ही बताओ मैं तुम्हें क्यूँ भूलूँ.....
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