shubham jaiswal   (Sailor_shubham)
337 Followers · 354 Following

Joined 15 April 2020


Joined 15 April 2020
9 MAY 2021 AT 20:48

माँ तेरे हर रूप पूरी दुनिया मे पूज्यनीय है
घर और परिवार को सम्भालने मे तू काबिले सराहनीय है
जो बाट ले हर गम को और खुशियों को बिखेर दे
माँ तुझ जैसा कोई नहीं तू कोटी कोटी वंदनीय है

संवार देती है जो हमे अपनी आंचल की छाव से
गुण रूप सींचती है अपने संस्कारों के मूल भाव से
इस धरा पर कोई तुझ सा नहीं, तू भगवान का अलंकार है
नतमस्तक हुए आगे तेरे देव भी, तेरे त्याग के स्वभाव से

-


7 MAY 2021 AT 21:24

मैं था शांत मस्त मलंग वैरागी सा
और एक दिन इश्क कर बैठा

-


24 APR 2021 AT 21:52

ना इलाज है ना ही कोई दवाई है
ना जाने कितनों ने इससे राबता कर जान गंवाई है
सांसे रुक जाती है और सीना दर्द में होता है
ऐ इश्क पहली बार तेरे टक्कर की बला आई है

-


31 JAN 2021 AT 2:19

ना जाने कौन सी कशमकश मे है ये जिंदगी
दर्द है उनके दूर होने की कैसे करे ये दिल्लगी
मजबूरियां कुछ उनकी भी है कुछ मेरी भी
किनारे मिल नहीं रहे और साहिल कर रही रवानगी

-


23 JAN 2021 AT 22:12

हर रोज दम तोड़ती है ना जाने कितनी कहानिया
मोहब्बत है हर किसी कि मुक्कमल नहीं होती

-


28 DEC 2020 AT 21:34

कुछ इस तरह मिलना हमसे कि बात रह जाए
बिछड़ भी जाए तो हाथो मे हाथ रह जाए
तुम अजनबी तो नहीं हो मेरे लिए अब
ग़र हुए अजनबी तो इस तरह कि दिल मे तुम्हारी पहचान रह जाए

-


1 NOV 2020 AT 12:53

थम गई थी साहिले मंजिल का ना ऐतबार हुआ
उनको देखे ज़माना बीता हमको भी ना इंतजार हुआ
देखा उनको मुद्दतों बाद पर उनसे ना इकरार हुआ
ना चाहते हुए आज फिर मुझको इकतरफ़ा प्यार हुआ

एकतरफ़ा ही सही एक ही शख्स से दूसरी बार हुआ
उसकी आंखे पढ़ने को फिर एक बार करार हुआ
कह ना पाया दिल कि बात अपने उसका मै कसूरवार हुआ
चांद जैसे उस चेहरे से आज फिर मुझको इकतरफ़ा प्यार हुआ


-


6 SEP 2020 AT 18:15

     जीवन का सफर

जिंदगी ले चली राही थे अनजाने
लम्हा गुज़रता रहा हुए हम भी सयाने
हौसले बुलंद थे गाँव की खामोशी लगी बताने
संघर्ष की लड़ाई वो शहर की हलचल क्या जाने

ढूंढते थे सारथी अपनी मंजिल को पाने
मतलबी दुनिया मे मिले सभी अनजाने
हारे गिरे किस्मत भी लगी आजमाने
चलते रहे फिर भी मन को अपने ठाने
संघर्ष की लड़ाई वो शहर की हलचल क्या जाने

चल रहे थे कांटों पर अपनी कौशलता दिखाने
टूटे बिखरे कुछ सपने फिर भी हार ना माने
खड़ा हुआ निडर सपनो को पूरा कर दिखाने
दौड़ चला था मै शांत मन को अपने साने
संघर्ष की लड़ाई वो शहर की हलचल क्या जाने

-


14 AUG 2020 AT 9:58

Ek villain

-


14 AUG 2020 AT 0:07

एक इल्तेजा थी कि कभी नजरे मिलआयेंगे हमसे
अपनी जिंदगी मे खुद को रुबरु कराएंगे हमसे
हम तो तरसते रहे उनके इजहार ए इश्क को
बड़े सलीके से कहा एक दिन, अपने इश्क को मिलआयेंगे हमसे

-


Fetching shubham jaiswal Quotes