रुक तो जाऊ उसके लिए मैं ताउम्र यूही,
एक बार वो मेरा होने का वादा तो क़रे ।-
ज्यादा कोई ख्वाहिश नहीं है हमारी,
माँ मुस्कुराती रहे बस इतना ही काफी है!
रुक तो जाऊ उसके लिए मैं ताउम्र यूही,
एक बार वो मेरा होने का वादा तो क़रे ।-
उसे थामना ही नहीं था कभी मेरा हाथ ,
जिसका हाथ थामे मैं झूमता फिर रहा था !!-
उसने कोशिश ही नहीं की हमे मनाने की ,
हम रूठे थे रूठे ही रह गये !!-
इश्क़ में हमने उनसे वक़्त माँग लिया ,
शायद कुछ ज़्यादा माँग लिया !!-
उसके साथ वक्त गुज़ारना था मुझे,
जिसके पास वक़्त नहीं था मेरे लिये !!-
मुझे मंदिर जाने को बोलती है वो ,
उसी शाम उसे क्लब जाते देखा है मैंने !!-
इस क़दर तेरी ज़िंदगी से चले जाएँगे ,
तुम्हें याद आयेंगे ,
पर हम नहीं आयेंगे !!-