Shubham Dokania  
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aham se dur rakhunga khud ko, ye safar shuhana jo lagne laga hai
Joined 20 August 2017


aham se dur rakhunga khud ko, ye safar shuhana jo lagne laga hai
Joined 20 August 2017
28 MAY 2020 AT 17:48

"उनकी गली ,उनका इश्क़ सब याद आता है,
धुन कोई भी छेड़ो वही राग आता है,
बदलने लगी है अब तो मौसमो सी आदतें,
बस हर शाम चाय के वक्त उनका ख्वाब आता है"

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14 FEB 2020 AT 21:06

"उछाले थे सिक्कें आसमान में बड़ी हसरतों से,
क्या पता था ऊपर ख़ुदा बईमान बैठा है"

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7 OCT 2019 AT 11:24

"जलाने को उनकी यादे मैन लाइटर निकाला
अब उस लाइटर को कैसे जलाऊ कोई बस इतना बता दे"

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31 MAR 2019 AT 0:25

"वो भी क्या दौर हुआ करता था,
आपकी रुसवाई भी बाते करा देती थी,
एक आज का दौर है नाराज कोई नही,
पर बातें हुए, दौर बीत चुके हैं"

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28 MAR 2019 AT 1:05

"मंजिलें निकली उस शाम की तरह,
जिस शाम उन्हें आना था और वो आते ही रह गए''

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24 DEC 2018 AT 21:59

"मणि की चाह में नागिन को मचलते देखा है,
लहरो में घिरे नाविक को संभलते देखा हैं,
अरे तुम क्या परखोगे हमारे सब्र-ए-गुरुर को,
हमने मोहहल्ले वालो के बन्द कमरो से अपने महबूब को निकलते देखा है"

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19 DEC 2018 AT 7:39

"मै अपनी ही बातो को अपना सामर्थ बनाऊंगा,
जिस दिन में अपने सपने सचे कर के दिखाउंगा,
मेरी जो बातें ,जिन पर मैं कभी खुद भरोसा न कर सका,
,एक दिन बाते सच्ची कर पहले खुद का भरोसा पाऊंगा,
मैं खुद को साबित करने को खुद से ही लड़ जाऊंगा,
माना कि अपनी ही राह में मैने खुद ही काटे है बो दिए,
पर उन काटो पे चलने का हुनर भी मैं ही खुद को शिखाऊंगा,
माना कि मैने पहले है काफी मौके खो दिए,
पर अपनी हर हारे मौके को मैं अब जीत का मौका बनाऊंगा,
माना कि आलस से कुछ गहरी पैठ थी बन गयी,
पर मेहनत को अब में अपनी दुलहान बनाऊंगा,
में जिस दिन खुद को अपने सारे सपने सच कर के दिखाऊंगा,
उस दिन सबसे पहले मैं खुद से नजरें मिलाऊंगा,"

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10 DEC 2018 AT 23:29


"तुम आज मेरे सपनों में मत आना,
क्युकी लगता है आज नींद ज़रा कम आएगी,
सपनो में तुम संग किये वादे अधूरे रह जाएंगे,
कहनी है जितनी बाते सब कह नही पाएंगे,
अधूरी बाते फिर जागने पर मुझको बहोत सताएगी,
अगले दिन पहले पहर तुम्हारी याद आ जाएंगी,
जहा भी देखूंगा फिर तू ही तू नजर आएगी,
चाहुगा तुझको छूना तो कही गुम हो जाओगी,
इसलिए आज मेरे सपनों में मत आना क्युकी लगता है आज नींद जरा कम आएगी"


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15 SEP 2018 AT 18:04

"खुद से खुद की लड़ाई में ,खुद से ही न हार जाना है,
काबिल है हम हर ऊंचाई के दुनिया को ये दिखलाना है,
ठोकरों की मार हमे क्या अपना हट दिखलाएगी,
टूट पड़े जो ठान के हम ,हर ठोकर टूट जाएगी,
जिंदगी की हार हमे कभी रुला न पाएगी,
हार भी जब आएगी कुछ न कुछ सिखलाएगी,
पर हमें सिर्फ हार से ही नही सीखते जाना है,
जीत को अपनी मुट्ठी में कर हार से बदला चुकाना है"

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4 AUG 2018 AT 21:47

"की लकीरें जब लिखेंगी मेरी वफाई वतन से
मेरे खून का कतरा कतरा स्याही होगा"-१

"तू मुझसे पहले मिलने की ख्वाइस मत करना ए मेरी मौत,
जो अधूरा छोड़ गए थे भगतसिंह वो मुझे पूरा करना है"
- फौजी

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