Shubham Dhage   (why_shubham)
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I am a happy, content person in search of myself.
Joined 2 May 2020


I am a happy, content person in search of myself.
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21 FEB AT 11:37

बेचैन था मेरा चैन तुम,
बेसब्र था मेरा सब्र तुम,
बेख़बर था मेरी फ़िक्र तुम,
मैं अनीश्वर, पर ईश्वर की दुआ तुम।

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20 FEB AT 11:16


मैं बेचैन था, तुम शाम का सुकून हो।
मैं बेसब्र था, तुम साबिर का सब्र हो।
मैं बेख़बर था, तुम हर राज़ की ख़बर हो।

मैं अनीश्वर... पर तुम ईश्वर की भेंट हो।



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9 FEB AT 15:35

मैं लिखना चाहता हूँ उसे,
कम्भख्त अल्फ़ाज़ मुकर गये !

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30 MAY 2020 AT 20:09

फिरसे एक बार बेवज़ा मुलाकातें होंगी,
वहीं पुरानी चाय और दुनियाभर की बातें होंगी|

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21 MAY 2020 AT 16:23

Experience makes some people selfish and ignorant.

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18 MAY 2020 AT 19:11

पराई धरती पे जिन्हेँ समझा था अपना,
अरमानों की बली उनसे ही चढ़ि है|
हम तो नामसमज भरोसा कर भैठे,
क़ीमत उन्होंने इज़्जत खो के भरी है!

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12 MAY 2020 AT 11:45

यु तो दिल मेरा कैद है पसलियों के पिंजरो में |
पर जबसे उनका दीदार हुआ,
कम्बख्त उडान की फितरत में है |

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11 MAY 2020 AT 13:11

मैं हारा हु सेकड़ो बार,
मैंने गलतियां की है हज़ार |
पर जितनी बार मैं फ़िरसे खडा हुआ,
मैं जीता भी हु |

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10 MAY 2020 AT 12:01

मोहब्बत की है तो बेवफ़ाई से वफ़ा रखो,
सच्चे आशिक़ हो तो उनके ख़ुशी में खुश रहो|

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9 MAY 2020 AT 20:02

इश्क़ किया था तुमसे इश्क़ आज भी है,
पर तुम्हे पाने के फितूर से खुद को जुदा कर रहा हु|
के शायद मै बदल रहा हु...

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