Shubham Chaubey   (shubham_k_alfaaz"sayyar")
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Joined 14 July 2021


Joined 14 July 2021
22 HOURS AGO

अहंकार की ऊँचाई से...,

गिरावट की शुरुआत होती है -

अंततः, अहंकार/घमंड -

व्यक्ति को डूबा ही देता है... 😐

अहंकार ने रावण, कंस तो क्या,

देवताओं तक को भी नहीं बख्शा..!

कभी ऊँचाई की ओर बढ़े तो अपने

साथियों एवं परिजनों की उपेक्षा न करें... 🙅‍♂️

नीचे आते समय में यही

लोग आपकी मदद करेंगे... 😎

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15 FEB AT 21:32

Any exam doesn’t care:
🔸 Your gender
🔸 Your age
🔸 Your colour
🔸 Your state
The exam rewards skill,
discipline, and strategy;
nothing else.

No excuses. No limits. No barriers.

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15 FEB AT 20:39

सुनो मित्र,,
कभी भी भावनात्मक रूप से
किसी पर निर्भर मत होना,,,
वरना अवसाद और पीड़ा
के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।

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15 FEB AT 20:34

Life में🤗
किस्मत हर किसी के लिए वफादार नहीं होती
लाइफ में हर छोटी बड़ी
खुशियों को इंजॉय करते रहना चाहिए,
क्योंकि किस्मत का खेल कोई नहीं जानता ,।।।
🥀🤔🥀🤔💘

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15 FEB AT 20:22

समय से आदमी इसलिए भी हार जाता है
क्योंकि समय के पास 3 टांगें होती हैं
और मनुष्य के पास सिर्फ 2

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16 NOV 2024 AT 22:19

कुछ दौर ऐसे आते हैं जीवन में जहां आपके

आसपास तो भीड़ बहुत होती है पर आपका

कोई नहीं होता जो आप को समझ सके

आपके रोने पर उदास खामोश चेहरे को देखकर

उसके पीछे का सबब आपके बिना बोले समझ सके

उन्हें उनकी वजह मिटा सके आजकल तो लोग बताने

पर भी नहीं समझते अपने तानों से ही चलने कर देते हैं

अपना दुख अपना दर्द बस इसके अलावा किसी को

कुछ नजर नहीं आता हर कोई स्वार्थ का रिश्ता

जी रहा है कोई नहीं है आपको समझने वाला

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16 NOV 2024 AT 22:08

हमेसा positive सोचिए
ज़िंदगी का खेल निराला है
कभी भी कुछ भी हो सकता है"
कभी कभी भगवान भी हमारी
सब्र की परीक्षा लेते है...और
परीक्षा पूरी होने पर हमारी ख्वाइशें
हमारे हक़ में पूरी होनी शुरू हो जाती है...

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16 NOV 2024 AT 22:04

हर किसी को वक्त बहुत कुछ सीखा देता हैं
लेकिन उसको समझने में और बदलने में कितना
वक्त लगेगा वो आप पर निर्भर करता हैं

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16 NOV 2024 AT 21:58

मैं किसी का रुतबा और दौलत देखकर उसकी इज्ज़त नहीं करता.....🙃
जो मेरी इज्जत करता है ,मैं सिर्फ उसी की इज्जत करता हूं....🙂

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16 NOV 2024 AT 21:50

राह मेरी बिखरी सी है
कभी खुद से कभी जहां से उलझे से हैं
कभी आंखों में समुंदर लिए
कभी ओठों पर मुस्कान तने से है
कट रही है जिंदगी जैसे
कि भीड़ में भी तन्हा से है
यहां शिकायत करे भी तो किस से करे हम
जब लडाई ही अपनों से है

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