wo jo dekh leti hai nazar se ek nazar hmko,
nazar nahi aata fir kuch uss nazar ke siwa.-
कितने अजीब है ना ये रिश्ते, जो किस्मत से मिलते हैं।
अपनी यारी को जन्नत बना जाते हैं,
दोस्त मिले तो अन्जाने में, कोई मस्ती वाला यार बन गया,
कोई हॉस्टल की टोली में मिल गया,
कुछ नोट्स वाले दोस्त मिले, कोई चाय की चुश्कियों के साथ मिल गये।
कईयों ने साथ में गलियां भी खाई और कईयों ने खिलवाई भी।
पर दोस्ती हर एक ने क्या ख़ूब निभाई,
दोस्तों के नाम पर सारे भुक्कड़ ही मिले, एक टिफिन में पूरी टोली ने लूट मचाई।
और चाय के शौकीन तो हम बराबर के निकले, फिर क्या सब के हाथ में चाय और सबकी टांग खिंचाई।
धीरे-धीरे दोस्ती और गहराई, अपने नये रंग लाई,
कुछ बेस्ट फ्रेंड बने और कुछ सीक्रेट पार्टनर।
कुछ के दिल मिल गये और कहीं रक्षा सूत्र बंध गये।
अब एक दौर गलतफहमियों का भी आया,
कभी रोना कभी मनाना, कभी रूठना कभी समझाना
अपनी यादों में एक हिस्सा यह भी बनाया।
अब जो वक्त था बिछड़ने का, वो फिर सबको साथ ले आया।
नम आँखे और दिल में इतनी सारी यादें लिए, जाते वक्त फिर मिलने के वादे दिए
हर कोई अपनी राहों में बढ़ गया, आज कोई पास तो नहीं मगर सब साथ है।
मिलते आज भी हैं सब, दोस्ती की यही तो बात है,
ये महज एक कहानी नहीं, ये मेरी दोस्ती की दास्तान है।-
कुछ बिखरे हुए आज के लम्हें
हम मिलकर कल फिर समेट लेंगे..
अगर तुम कह दो बस इतना की
हां हम फिर एक बार मिलेंगे !!!!-
तेरे हिस्से की चाय आज भी हम पी गए....
खैर तुम्हें तो इतवार को भी फुरसत नही !!!-
हम चाहते थे,
उनसे नज़रो ही नज़रो में कुछ बात हो...
मगर उन्होंने अपनी जूठी चाय पिलाकर
सब रफा दफा कर दिया !!!!!-
मेरी आँखों मे नींद बन कर रह जाओ....
अब तो तुम्हारे इंतेज़ार में बहुत रात से बेवफाई की है !!-
तुम्हारी सादगी ही कत्ल करती है मेरा,
क्या होगा जब तुम सवर कर आओगी !!!-
Shubham Tujhme Hai Abhi Khamiya Bohot Si,
Dekhni Hai Tujhe Nakamiya Bohot Si...
Unke Ehsan Abhi Chukane Baaki Hai,
Jo De Gye Tujhe Nishaniya Bohot Si...
Wo Kisse Tujhe Lekar Abhi Kam Hai,
Abhi Aur Banegi Kahaniya Bohot Si...
Humne Bhi Kisise Mohabbat Ki Hai,
Humne Bhi Ki Hai Nadaniya Bohot Si...
Zindagi Me Kab Sb Kuch Sahi Chalta Hai,
Zindagi To Deti Hai Pareshaniya Bohot Si !!!
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आज भी कुछ कमी सी है...
ना जाने क्यों तेरी आदत सी है !!
ना रंग है, ना रौशनी...
बस ये धड़कने है जो थमी थमी सी है !!
ऐतराज़ तो नही तुम्हारी यादों से मुझे...
अब हसरतें भी दबी दबी सी है...!
ना नींद है, ना कोई ख्वाब
इन आँखों मे बस तेरी ही कमी सी है !!!!
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