14 MAR 2020 AT 10:41

कुछ अल्फ़ाज़ मुस्कुराहटों में दब जाते हैं।
कुछ किस्से सिर्फ़ आंखो से पढ़े जाते हैं।
कुछ बातें अंश मात्र भी बताई नहीं जाती।
कुछ लहज़े ख़ामोशियों में पिरोए जाते हैं।

- समर्थ