“ चिंता करना मतलब ईश्वर की व्यवस्था पर शक करना “
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गुस्से में पहले ब्लॉक किया भी गया मुझे
फिर "फेक आईडी" से पढ़ा भी गया मुझे
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अपने वो नही होते जो हर तस्वीर में साथ होते हैं
वो होते है जो हर तकलीफ में साथ होते हैं ❤️🔥-
जैसा रिश्ता रखना चाहो वैसे रखो मुझसे
दोस्त , भाई , आशिक , दुश्मन , सब में अच्छा हूं मैं-
तुम जानते थे मेरा इश्क है उससे
मुझमें डर था मेने तुम्हे बताया नही
अलग बेशक हुआ उसे मगर
कभी भी उसे सताया नही
गलतफहमियां लाजमी है दो चाहने वालो में
दुख इसका है , उसने वो सुना जो मेने कभी सुनाया नही
कपड़े जब उतरे महफिल में मेरे
याद करके उसे मैं फिर शरमाया नही
रखा है तोहफा तुम्हारा बोहोत सा " शुभम " के पास
शुक्र है वादों भारी चिट्ठियों को मेने कभी जलाया नही
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हम बात करने को तरसे हैं
तुम आवाज सुनने को तरसोगे
जैसे चाहेगा नही किसान
तुम बेमौसम बरसात की तरह बरसोगे
दिखाई देंगे हम ही चारो तरफ चर्चे हमारे ही सुनोगे
हम सामने खड़े होंगे और तुम आंख को तरसोगे
वफादारी बेचते वक्त आवाज आएगी अंदर से
सितारा चमकने चले थे तुम , चांद के दीदार को तरसोगे
ये रंग है दिल्ली की सियासत का जो चढ़ गया है तुमपे
खबरें सारी रखोगे मगर अखबार को तरसोगे-
दर्द को दिल में छिपाए रखा , मगर
कभी भी किसी को बताया नही
लाख मशवरे मिले " जाहिल " को , मगर
कभी भी उनको सताया नही
जुस्तजू रही राब्ता निभाने की हर वक्त , मगर
किसी ने हमें नींद से जगाया नही
हम जानते ही थे हर वक्त अंजाम इश्क का , मगर
उम्मीद का दिया हमने बुझाया नही-
Wada Tha , Muqar Gaya
Nasha Tha , Utar Gaya
Dil Tha , Bhar Gaya
Insaan Tha , Badal Gaya-
ये जो लोग पढ़ते हैं शायरी मेरी
हमारा कोई रिश्ता नहीं बस सफर एक है ❤️🔥-