शुभान्जलि सकसेना   (शंकरा)
53 Followers · 13 Following

read more
Joined 13 August 2020


read more
Joined 13 August 2020

नि:संदेह, दिल तो टूटा,
मिलना- जुलना छूटा
और बढ़ गईं दूरियां भी ।

लेकिन जो भी हुआ,
अच्छा ही हुआ..
ये उचित भी था, जरूरी भी ॥

-



मेरी मुस्कुराहट,
कोई छीन नहीं सकता ।

कर्ण के स्वर्ण कुंडल- कवच की तरह मैं भी
होठों पर मुस्कुराहट साथ ले के जन्मी हूं ।

अब ये मुस्कुराहट
मेरी मौत के बाद
मेरे साथ ही जायेगी । 😊

_Shubhanjali Saksena

-



दुःख आपकी स्वअर्जित संपत्ति है,
इसे अपने स्वयं के लिए ही रखें ।
सुख एवं आनंद ईश्वर द्वारा प्रदत्त
विशेष अतिरिक्त लाभांश हैं, इन्हें
जी खोलकर सबमें वितरित करें।

-



होठों पर
मुस्कुराहट के फूल
रोज खिलते रहें,
इसके लिए
जरूरी है ये
कि दिल की मिट्टी
कुछ नम बनी रहे..
बस, यही वजह है
कि कभी-कभार
छलक जाती हैं
आँखें मेरी ॥

-



कुछ सवाल नींद से जागकर उठे हैं अभी


और कुछ जवाब सो गए हैं चादर तानकर

-



कौन खफ़ा है, किसे शिकायत है,
और कौन मुझे नापसंद करता है,
क्या फ़र्क पड़ता है इन बातों से भला ?
जीवन, एक छोटा सा सफ़र ही तो है,
जो दिल से अपना मान,
कदम से कदम मिला साथ चलें,
उनकी ताल से ताल मिला,
हंसते/ गाते/ गुनगुनाते
मस्ती से चलते जाओ..
और बाकी तो, मानो एक 'भीड़' है,
अनजान चेहरों की !
रास्तों पर आते-जाते,ऐसे न जाने कितने,
टकराते ही रहते हैं ।
जाने दो उन्हें..उनसे वास्ता ही क्या ?

-



एक क्षण के लिए बंद आँखों में
परछाईं सी झलक देखी थी उसकी,
.
कितने पहर तक..
.
फिर ना दुनिया की खबर थी
ना स्वयं का कुछ पता !!

-



जो चले गए हैं, वो आयेंगे नहीं
और जो हैं, वो भी चले जायेंगे
फिर किसका विलाप करें?
किसकी चिंता करें?
और किसको सहेजें?
बोल मना रे!

-



लगता है नफ़रत ही नफ़रत बची है,
दिल में अब उसके ।
सुना है..
जितनी मोहब्बत थी सब लुटा दी थी,
उसने किसी पर ।।

-



होठ बोलते तो
सब सुन लेते- समझ जाते ।
फिर क्या ?
आँज कर अँजन
कभी तिरछी नजरों से,
तो कभी झुकी पलकों से,
आँखें बोल पड़ीं

-


Fetching शुभान्जलि सकसेना Quotes