घने बादल क्यों छाने लगे हैं मेरी रस्म-ए-ज़िन्दगी पर ।हाँ ! उनकी मोहब्बत के फ़लक पर नया चाँद आया हो शायद ।। - PENtastic (shubh)
घने बादल क्यों छाने लगे हैं मेरी रस्म-ए-ज़िन्दगी पर ।हाँ ! उनकी मोहब्बत के फ़लक पर नया चाँद आया हो शायद ।।
- PENtastic (shubh)