Shubh@m®  
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Joined 9 April 2018


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Joined 9 April 2018
10 DEC 2021 AT 21:47

मैं नहीं कहता कि ता-उम्र साथ चलो मेरे,
मगर जाना, थोड़ा तो और साथ चलो मेरे.

मैं जानता हूं कि इतने में जी तो नही भरेगा,
पर सुकून तो मिलेगा, अगर साथ चलो मेरे.

वो लोग जो चाहते हैं कि हम जुदा हो जाएं,
वो जल जाएं, कुछ इस क़दर साथ चलो मेरे.

तुमसे लिपटकर रोने को आज जी करता है,
आज तो कम से कम मेरे घर, साथ चलो मेरे.

कल तो रास्ते बदल जाने हैं दूरियां बढ़ जानी है,
कुछ देर तो मेरा हाथ पकड़कर साथ चलो मेरे...।

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28 OCT 2021 AT 15:00

जिंदगी एक पहेली है, जिंदगी फ़साना है.
गीत गाए कोई भी, साथ गुनगुनाना है.

डर गए जो रास्तों से, घर से कैसे निकलोगे.
रोज इन्हीं रास्तों पे, तुमको आना जाना है...

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6 OCT 2020 AT 22:24

अजीब फ़ितरत है दिल कि,
ना जाने क्या इसे महसूस होता है.
साथ में सबके हंस लेगा,
पर दर्द में अकेला ही रोता है.

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21 JUL 2020 AT 0:25

तुम ना हुए, मेरे तो क्या.
मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा रहा.
मेरे चंदा, मैं तुम्हारा, सितारा रहा.
रिश्ता रहा, बस रेत का,
ए समंदर, मैं तुम्हारा, किनारा रहा.
मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा रहा.

- Dil bechara

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28 JUN 2020 AT 10:53

कि तुम बिन अधूरा हूं मैं.
आज़मा कर देख लो, पूरा का पूरा तेरा हूं मैं.
बेजान सा हूं, तुम बिन अकेला हूं मैं.
बिन तुम्हारे अंधेरा, स्वीकार लो तो उजला सवेरा हूं मैं...

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27 JUN 2020 AT 8:46

सुना है वो बोलने में बड़े मीठे हैं.
फिर क्यों ना पी जाए, फीकी चाय साथ उनके...

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24 JUN 2020 AT 23:28

आवाज़ देकर तो बुला लूं उसे,
लेकिन मैं चाहता हूँ वो ढूंढे मुझे...!

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23 JUN 2020 AT 10:44

तुम वृंदावन कि कुंज गालियां,
मैं गोकुल का एक ग्वाला प्रिये.
तुम प्रेम प्रेयसी राधा रानी,
मैं कन्हैया मतवाला प्रिय...

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18 JUN 2020 AT 14:35

"मजबूरियाँ तुम्हारी थीं
और तन्हा हम हो गए"

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22 APR 2020 AT 12:17

एक एक लफ़्ज़ तुम्हारा तुम्हें मालूम नहीं,
वक़्त के खुरदुरे काग़ज़ पर रक़म होता है.

वक़्त हर ज़ुल्म तुम्हारा तुम्हें लौटा देगा,
वक़्त के पास कहाँ रहम-ओ-करम होता है...

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