shruti soni   (I_SHRUTI_SONI(श्रुति))
566 Followers · 121 Following

read more
Joined 15 June 2019


read more
Joined 15 June 2019
21 DEC 2020 AT 2:57

नशा ही नशा है...

शराब का नहीं मुझे तेरा नशा है
कभी ना उतरे जो ये ऐसा नशा है ।
हां, ज़रूर इस बात में एक अपना ही मज़ा है
के ये कम्भख्त एक राज़ है जो मेरे दिल में दबा है ।

-


29 DEC 2021 AT 11:55

वक्त लगेगा लेकिन, सब सही होगा।
तुमने जैसा चाहा है, ठीक वैसा ही होगा।

किस्मत पर नहीं तो खुद पर भरोसा रखना।
यकीन मानो अगर तुम चाहो, तो ये सारा "जहान" तुम्हारा होगा।

-


19 APR 2021 AT 17:09

एक रात हसीन सी आयी थी ,
संग अपने एक कोहराम सा लायी थी ।
उस तन्हाई में भी बोहत शोर हुआ था ,
जब मैंने दिल से तुम्हें आवाज लगायी थी ।
हर बात से अंजान बन तुम बस तन्हा छोड़ गए ,
टूटी बिखरी यादों को लेकर हम भी तन्हा से हो गए ।
मगर मंजूर ना था ये गम हमको और हम भी आगे बढ़ते गए ,
हर मंजर को जो देता था दर्द उस को भी हम मात दे गए ।
अतीत में कैद कर हम हर एक दर्द को आज भूल गए ।
तुम तो आज भी वहीं के वहीं हो लेकिन हम ,
किस्मत को अपनी मुठ्ठी में कर उस आकाश से ऊंचे हो गए ।

-


14 NOV 2020 AT 0:58

I wish my your quote family a Very very very happy diwali ... May goddess laxmi fullfil all your needs and make all your dreams come true ...
May this Diwali god bring all the happiness prosperity and good health for you and for your family....

शुभ दीपावली

-


11 NOV 2020 AT 13:02

चांद भी फिका लगता है तेरी इस हसी के आगे....
सागर से भी ज़्यादा गहरी है तेरी ये दोनों आंखें....
तेरे चेहरे की खूबसूरती के बारे में क्या कहूं सब बेकार सा लगता है इस के आगे...
मुझे इश्क़ इतना है तुझसे ऐ सनम के मेरे हर जज़्बात
मेरा हर लफ्ज़ कम है तेरी तारीफ़ के आगे....

-


18 OCT 2020 AT 15:05

     सफलता और कठिनाई
जैसे,
झरने के पास रह कर प्यास को समझा नहीं जा सकता
झूठ के रास्तों पर चल कर सच के लिए लड़ा नहीं जा सकता
सारी सुविधा और आराम के रहते मजबूरी को समझा नहीं जा सकता
वैसे ही,
बिना कठिनाइयों का सामना किए सफलता हो हासिल नहीं किया जा सकता

-


14 OCT 2020 AT 19:07


Never expect anything from anyone
Expectations makes you vulnerable
Always believe in yourself and trust your instincts

-


10 OCT 2020 AT 22:35

ना तुम गलत ना मैं सही
फिर क्यूं जुदा होने का
तन्हा छोड़के जाने का ये इरादा कैसा
इश्क़ तो आखिर इश्क़ है
कम से कम और ज़्यादा से ज़्यादा कैसा

-


18 SEP 2020 AT 20:30

हस कर करते थे बात वो जिनके
दिल में गम हजार हिपे थे ।

चुप वो भी रहे जिनके
मन में सवाल कई थे ।

-


6 SEP 2020 AT 2:53

देर रात अपने कमरे की खिड़की से चांद को देख कर
जो सुकून मिलता है ना वो किसी और चीज़ में नहीं है
वो खूबसूरती वो शांति कहीं और नहीं है

-


Fetching shruti soni Quotes