जानती हूं फिक्र नहीं है तुम्हें इस बात की,
पर फिर भी कहूंगी बेफिक्र रहो तुम ।।
मैं सदैव तुम्हारी प्रेमिका बन तुम्हारा इंतज़ार करूंगी।
बस शर्त इतनी सी है,
इंतज़ार के बाद तोहफ़े में मुझे गुलाब नहीं चाहिए।
चाहिए तो सिर्फ तुम्हारे नाम का सिंदूर और मंगलसूत्र ।।-
Main bas apni dastaan... read more
स्त्री जिसे अपना जिस्म सौंपती है,
उसे सदा के लिए अपना ईश्वर मान लेती है।।
स्त्री के सच्चे प्रेम की निशानी ही यही है,
उसके द्वारा सौंपी गई देह।।
हां, तवायफें भी हैं समाज में।
पर तवायफों को गले लगाने से गर जो सुकून मिलता,
तो हर आशिक का इलाज शहर के कोठों पर ही होता।।-
बरसों से हिम्मत दिखाते दिखाते,
अब हिम्मत ख़त्म सी लग रही।
ना उम्मीद जो न हुई कभी,
आज उम्मीद ही नहीं दिख रही।
किस ओर जाऊं?
सब ही दरवाज़े बंद हैं।
किसी को मुझसे कोई उम्मीद नहीं,
तो किसी के लिए मैं रोज़ नई परेशानी हूं।।-
कुछ पाने की चाह में बहुत कुछ खो गया,
कुछ बनने की चाह में बना बनाया बिखर गया।
घर से दूर आते आते कब खुद से दूर निकल गई,
हंसति खिलखिलाती लड़की जाने कहां खो गई।
जो जानते थे उसे वो आज हैरान हैं
और नये तो सारे ही अंजान हैं।
वो बक बक मशीन, आज चुप सी है।
उछल कूद छोड़, गुमसुम सी है।
बड़े सपने बड़ी ख्वाहिशें,
सब कुछ ले गयी,
छीन कर ख़ुशियाँ छोटी,
बड़े अफ़सोस दे गई।।-
वो जो दिन गुज़रे थे तेरे साथ,
काश!! ज़िंदगी उतनी ही होती।।
मेरी तो तमन्ना न थी तेरे बगैर रहने की,
लेकिन मजबूर को, मजबूर की, मजबूरियों ने मजबूर कर दिया।।-
तू मेरी अंधेरी सी गलियों का,
एक रौशन सितारा है।
अंतरमन के तूफानों का,
इकलौता किनारा है।
मेरी सारी कमज़ोरियों का,
तू ही सहारा है।
मुझे मुझसे भी ज़्यादा जानने वाला,
तू मेरा वो सितारा है।
तेरे लिए कोई एक दिन कैसे हो सकता है pookie,
तू तो मेरा हर दिन रौशन करने वाला मेरा झिलमिलाता तारा है।।-
फ़र्क था मेरी और उसकी मोहब्बत में।
मुझे सिर्फ़ उससे ही थी,
और उसे मुझसे भी थी।।-
लबों पे कभी बद्दुआ नहीं होती,
एक मां ही है जो कभी ख़फा नहीं होती।।-
सिर्फ तेरे होने से मुस्कुराकर चल रही है ज़िंदगी,
वरना कब का अपना सब कुछ खो बैठे थे।।
मेरे आंसू संभाले थे यार तूने,
वरना औरों के सामने तो कई दफा रो बैठे थे।।-