Shruti Singh   (...श्रुति)
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Joined 18 July 2019


Joined 18 July 2019
5 OCT 2021 AT 21:30

Tute jo dil Kahi , awaz nhi hoti
Hoton pe hasi ankho me nami
Koi khwahish nahi rehti

Tute jo dil Kahi, awaz nhi hoti
Jis baat pe ruwasi, us baat pe bhi hasi
Mehfil me akela
Aur akelepan me yadoon ka shor

Tute jo dil Kahi , awaz nhi hoti
Awaz nahi hoti

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5 MAR 2021 AT 20:34

मुझे इंसानों के बीच फिर मत भेजना
सिर्फ एक वाक्य नहीं बल्कि
अनगिनत दर्द से भरी एक ऐसी चीख हैं जो बहरों को भी सुनने पर मजबूर कर दे!
पर जिनका जमीर और आत्मा मर चुकी हो
उनसे यह समझ पाने की उम्मीद भी रखना बेवकूफी है
और यही बेवकूफी वह कर गई!!


"कोई कृष्ण सा मिल जाए गर
तुम बेशक मीरा बन जाना
कोई कृष्ण सा मिल जाए गर
तुम बेशक राधा बन जाना
पर जान नियोचआवार किसी रावण पर मत कर जाना !





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3 MAR 2021 AT 22:28


हृदय को चीरती एक खामोशी है
भीड़ में तन्हा करदे ऐसा शोर है

समुंदर का वो इक छोर
कुछ कुछ मेरे भीगे से मन का प्रतिबिंब है


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23 FEB 2021 AT 21:30

आकाश से गिरे जो बूंद धरा पे
गुलशन महकने लगते हैं

पलकों से जो गिरे बूंद तो
जज्बातों के महल जलने लगते है

_श्रुति


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12 FEB 2021 AT 0:57

सच्चाई से जीवन जीने में जीतोड़ मेहनत लगती है
इसलिए अक्सर लोग झूठ को ही सच बता के जीते हैं
...श्रुति

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9 FEB 2021 AT 12:31

शिकायतें बहुत थी तुझसे ऐ ज़िन्दगी
जब तलक जाना ना तेरे दर्द का आलम

जो दिया बहुत दिया, मगर जो ना दिया उसकी टीस में ना जाने तुझे क्या क्या कह दिया

फिर भी तूने कभी भी तन्हा ना होने दिया
धूप दी तो साथ मां के आंचल की छाव मिली

ठोकरों से खोते हुए मेरे विश्वास को थामने
हाथ पिता का दिया

शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया ए ज़िन्दगी
जो दिया उस 'बहुत ' के लिए

शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया ए ज़िन्दगी
जो ना दिया उस 'बहुत' के लिए भी क्युकी वो किसी और के हिस्से का सुकून था..सुकून था…..
श्रुति

















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15 JAN 2021 AT 12:15

तेरे भीतर जो ' तुम ' हों
मेरे भीतर जो ' मैं' हूं

कभी मिलते है ,वक्त -ए -फुरसत मिले तो बताना !
........श्रुति

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8 JAN 2021 AT 0:16

शिकार करने का शौक उमड़ आए तो जंगल जाइए
अपनी हिम्मत वहा आजमाइए, असल आइना ना दिख जाए तो कहिएगा

दूसरों के कंधों पे बंदूक रखकर औरों की भावनाओं
का कत्ल करने से आपके अंदर बैठा शिकारी कभी शांत नहीं होता

क्युकी कंधा और शिकारी दोनों ही उधारी के,
और उधार चुकाना पड़ता है या वसूल लिया जाता है

यदि कोई आपके कंधे भी उधारी पे मांग रहा है तोह सतर्क हो जाइए !
श्रुति..!

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5 JAN 2021 AT 15:13

तुम कपट से अपने सर का ताज चमकाना
मै सच की नाव मे बैठ भव सागर तर जाऊंगी

तुम अपमान करके अपने अधरों की मुस्कान बढ़ाना
मै शांत चित रह इस जीवन का असल मूल पा जाऊंगी

..…... जीवन उद्देश्य की तलाश में एक श्रुति !

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3 JAN 2021 AT 9:52

कभी खो देने का डर
कभी पाने की खुशी

अब ना कुछ खोने का डर
ना कुछ पाने कि खुशी

बस रूह से रूह तक पहुंचने का सफर
पूरा करना है !


श्रुति

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