क्या खूब करिश्मा इस मोह माया की
दुनिया में ,एक नन्हा बालक जन्मा है
संघर्षों कि दुनिया में ,रोज प्रभु को कहता है
मत दे इतना दर्द मुझे अब
बड़ी कष्ट में डाल दिया
एक नई जीवन की आस लिए ,
मां के गर्भ में पला हैं
रोते हुए कहता है ,कब तक इस अंधेरे में
रखेगा तू मुझे, कई नए सपने लिए
इस दुनिया में एक नया शिशु का
जन्म हुआ है ,बड़े संघर्षों के बाद उसे
एक नया अवतार मिला वंचित वह इस
मोह माया से ,तब भी उसको स्वीकार किया
क्या जाने इस दुनिया में, भूख घर वस्त्र का संघर्ष
क्या गलती उसकी, संघर्षों का ये भूमि है
छोटा सा नन्हा बालक ,कर्मों का वह भाग बना
नहीं बचा कोई , इस मोह माया से
नन्हा शिशु भी यहां रोया है
पहले रोए आंखें खोलो,फिर रोया कर दो वंचित
मुझे इस पीड़ा से ,मोह माया की इस चक्कर में
पाप पुण्य में फंसा हुआ
जन्म लिया नन्हा शिशु
इस संघर्षों के दुनिया में
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