कोई सच्चा तोह नहीं यहां , मैने भी देखा हैं,
लेकिन झूठ के आगे,सच का फीकापन भी देखा हैं।-
आज वो वक्त नहीं जहां छुपा कर
अच्छाई की जाती
ये वो वक्त हैं जहां हर किए हुए
मदद को बताना ही पड़ता है!
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लब्ज़ एक ऐसी चीज़ हैं जो एक इंसान को
महान और फिसल जाएं तोह उसकी किरदार
नज़र आ जाती है!-
कद्र जो होने पर नहीं दूर चले जाने पर की जाति हैं
इंसान जिंदा है तोह वक्त नहीं उसके लिए
मरने और अफ़सोस जताई जाती हैं
दोस्ती जो रहने पर नहीं टूट जाने के बाद याद आती हैं
रिश्ता जो भी हो अगर वक्त रहने पर वक्त दिया तोह
अफ़सोस से ज्यादा खुशी और माफ़ी से ज्यादा दुआ मिलती हैं।-
मौजूदगी होने का कोई अहमियत नही,
आसूं निकालना क्यों जब नजरें मिलती नहीं,
वक्त का इंतेज़ार रह गया अब,
शायद अफ़सोस के जरिए कद्र कि
कुछ गुंजाइशों को ज़हन में रख लिया।
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यूँ पलके झुका कर आँखें नम न करो,
खामोश रहकर यूँ हमें अपने से दूर न करो।
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कहना बहुत कुछ था, लेकिन
अल्फ़ाज़ कम पड़ गए,
दिल में आज भी हज़ारों सवाल दफ़्न पड़े हैं,
पर दफ़्नाना भूल गए।
समझाना चाहते थे, पर वो नासमझ बन गए।-
खामोश हो यानी कहना बहुत कुछ है,
लब अल्फ़ाज़ बनाकर निकलना चाहता है लेकिन
नाराज़गी उनको रोक दे रही है।
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हर साल नई चीजें सिखा देती हैं
कुछ खटी, तोह कुछ मीठी यादें
बस ये 2025 साल भी खुशहाल और
यादगार बन जाए यहीं दुआ करते हैं हम सब 😊
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कुदरत की हर बनाई चीज़ कि बात ही अलग है ,
तुम कमी निकालते हों, वो खूबियों को निखारते हैं।-