हरि आते हैं...
हरने पीर, देने साथ, दिलाने विश्वास,
कि वो हैं...
आपके साथ, आपके पास
तो कमी कहाँ है ??
है हममें...
हम साक्षात्कार के इतने आदि हो गए हैं कि भूल गए..
ईश्वर निराकार हैं।
वो हैं सब जगह व्याप्त, हममें भी, तुममे भी,
अंदर भी, बाहर भी...
इतने पर भी, वो प्रयास करते हैं.. हमें हमारे तरीके से समझाने का कि वो हैं...
हमारे साथ, हमारे पास,
आए हैं... हरने पीर
उन्हें विश्वास है कि हम समझेंगे.. कभी न कभी।
बस उन के इसी विश्वास पर विश्वास करने मात्र की देर है...
आपके मार्ग प्रशस्त होते चले जाएंगे।।
जय श्री हरि
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