मुलाकात हुई आज
बरसो के साथी से
अरसो बाद;
खुली फिर वही करिश्मो, मासूमियत और नादानियों के किस्सों से भरी किताब;
मिला उसमे वो बरसो पहले रखा, खूबसूरत गुलाब;
फ़िर एक बार ताज़ा हुई, कांटों और महक से भरी वो पुरानी यादें,
आज अरसो बाद हुई, उस किताब में रखे गुलाब जैसे शख़्स से, सिर्फ बात नहीं, बातें;
उस किताब में घटते-बढ़ते पन्नो के साथ, जिंदगी में टूटे और जुड़ें हैं, रिश्तें-नाते-वादें,
इस हयात की सहर तो उस ही किताब से हुई है,
दोपहर आधी मशरूफियत में बीत गई है,
सांझ भी यूही गुजर जाएगी तमाम मसले सुलझाते सुलझाते,
लेकिन उस किताब की कहानियां, बनकर सदाबहार यादें,सवारेंगी जिंदगी की व्याकुल रातें...
मुलाकात हुई आज
बरसो के साथी से
अरसो बाद।-
Love is just like a pole magnet...
a piece
two poles
two bodies
a soul
-
गैरों से क्या करु शिकायतें,
अपने ही दूरीया बनाए रखने की देते हैं अब हिदायतें!-
सावन_
🌈 मिट्टी की भीनी खुशबू ने किया है इज़हार,
की लौटा मौसम सावन का फिर एक बार_
🌈 कुदरत फिर करेगी हरियाली के रूप में स्नेह कि बौछार,
तिलमिलाती धूप से अब कुछ कम होगी तकरार_
🌈 बिजली की कटौती होगी बारम्बार,
फिर साबित होंगे मोमबत्ती और लालटेन मददगार_
🌈 शिवभक्तों की चहकेगी आराधना हर सोमवार,
और शिवालयों में लगेगी लंबी-लंबी कतार_
🌈 मौसम की मेहरबानी से उमड़ेंगे दिल और ज़हन में उम्दा विचार,
बेहतरीन पेशकश के साथ फिर हाजिर रहेंगे अनेक कलमकार_
🌈 अदरक वाली चाय की अब होगी पल-पल दरकार,
भुट्टे के ठेलों पर दिखेगी फिर वही भीड़-भाड़_
🌈 मज़ा भी आएगा बेशुमार,
जब साथ खेलेंगे और भीगेंगे सारे यार_
🌈 लेकिन नानी मां का बताया काढ़ा भी रखना तैयार,
क्योंकि सर्द मौसम में हो सकता है ज़ुकाम या बुखार_
🌈 नए रेनकोट और सैंडल्स के लिए बच्चें भी होंगे बेकरार,
तो कुछ लोग याद करेंगे छतरी होने के बावजूद बेवजह बारिश में भीगने के लम्हे यादगार_
🌈 कुछ यू ही खिलखिलाते हुए बीत जाएंगे सावन के ये महीने चार,
और फिर एक बार शुरू होगा अगली बारिश की भीनी खुशबू का इंतजार_-
रिश्तों के बिना तो आलिशान महल भी खंडहर लगता है;
क्योंकि, परिवार से ही घर, घर लगता है_-
वक़्त
⏳ अगर बीत जाए तो एक याद है वक़्त,
और अगले पल दस्तक देने वाला हो तो जिंदगी के लिए नया स्वाद है वक़्त_
⏳ पाप जिसे पार न कर सके वो सरहद है वक़्त,
बुराई के लिए आखिरी हद है वक़्त_
⏳ अपनो की बस थोड़ी सी चाहत है वक़्त,
गहरे से गहरे ज़ख्म को भी राहत दे वक़्त_
⏳ जो कभी ना जुड़ सके वो टूटा तारा है वक़्त,
जो कभी ना रुके वो बहती धारा है वक़्त_
⏳ जिंदगी के हर कर्म का अंजाम है वक़्त,
पहचाना जा सकता है इसे महज़ तीन कांटों से लेकिन फिर भी पूरी तरह अंजान है वक़्त_
⏳ जिंदगी के इम्तिहान के हर सवाल का जवाब है वक़्त,
और अगर इम्तिहान में कभी कम पड़ जाए तो एक अधूरा ख़्वाब है वक़्त_
⏳ हमसे ग़लती होने पर हम इसे बेशक क़रार देते है कमबख्त,
लेकिन यारों कद्र करो इसकी क्योंकि बहुत किमती और नायाब है ये वक़्त_-