चांद भी कोसों दूर रहता है...मगर उसकी रोशनी खुद में बिखेरने के लिए ज़मीन को दिनभर तपना पड़ता है ✨🌑।
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✨Amateur writer..
✨Conquering from within💫
Creating a life I love... read more
बैचैनी है,पता नहीं अजीब-सी ऐसा लगता है जैसे किसीके दूर जाने का इंतज़ार करने वाली आज खुद से दूर हुई जा रही है..
जैसे किसी की खामोशियों को समझने वाली आज खुद की खामोशी समझ नहीं पा रही है..
जैसे किसी की बातों पर हसने वाली आज खुद की बेवकूफियों पर हस रही है..
जैसे कि हर बात से नहीं डरने वाली आज खुद की परछाई से डर रही है..-
मुझे पता नहीं था,
कि तुम्हारे चुप हो जाने पर जिंदगी तन्हा सी लगने लगेगी।
मुझे पता नहीं था,
कि तुम्हें किसी ओर का होता देख जिंदगी बेरंग सी लगने लगेगी।
मुझे पता नहीं था,
कि तुम्हारे दूर जाने पर जिंदगी अधूरी सी लगने लगेगी।
मुझे पता नहीं था,
तुम्हारे ना होने पर जिंदगी जिंदगी ही नहीं लगेगी।
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तुम रेत बन जाओ,
तो मै समंदर का किनारा बन जाऊंगी ।
तुम बागों में रखा वो फूल बन जाओ,
तो मैं मंडराती हुई तितली बन जाऊंगी।
तुम लिखती हुई वो कलम बन जाओ,
तो मैं उनके अल्फ़ाज़ बन जाऊंगी।
तुम चांद बन जाओ,
तो मैं तुम्हारी रोशनी के लिए ज़मीन बन जाऊंगी।
तुम कान्हा बन जाओ,
तो मैं तुम्हारी प्रेम में रंगी राधा बन जाऊंगी।-
तकदीर का लिखा कहां बदला जा सकता है...
ये तो खुदा का असर है जिसे हर किसी को निभाना पड़ सकता है।-
अल्फजों का क्या है साहब,
टूटते तो ये भी हैं।
झूठ और सच की,
हिस्सेदारी में बंटते तो ये भी हैं।-
तारों के रहते हुए भी आज आसमान सूनेपन से गुज़र रहा है,
क्योंकि आज तारों की चमक तो दिख रही है पर चांद की रोशनी नहीं।-
जब हमने उन्हें अपनी स्याही बनने को कहा,
तो वो बस एक कलम बनकर रह गए।
ज़िन्दगी के इम्तिहान के हर उस पन्ने पर
हमारे शब्द भी अधूरे रह गए।-
Why do we always have to trend hashtags and request the authorities to take action ... Why do we always have to beg for justice? isn't that every individual's right? Why do we always have to agitate for months, years for justice? When will that day come when any girl will be able to go out at night without any fear? When will that day come when a girl does not have to think 100 times before going out? When will the world be safe for the women to exist?
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शायद तक़दीर में ना था उनका मिलना,
तभी तो राहें एक होने पर भी उनकी मंज़िल एक ना हो पाई।-