चलो जिंदगी को पटरी पर लाए,
डूबते कश्ती को फिर से पार लगाएं ।।
जो मुसाफिर उतर गया है हमारी नाव से,
उसे वहीं छोड़ नई रहा बनाएं ।
माना यह रात घनी है बड़ी दूर तक जाएगी,
कल सुबह की नई किरण नया सवेरा भी तो लाएगी ।।
पर सुन ओ मुसाफिर जाने वाले !
जब लौट कर इस किनारे तू आएगा,
यह वादा है मेरा,
मुझको इन राहों पर अपने साथ ही तू चलता पाएगा। ।
और फिर मैं कहूंगी तुझसे
कि देख,
जिंदगी को पटरी पर हमने मिलकर लाया है
डूबती इस कश्ती को एक नया किनारा दिलाया है ।।
💛78
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मैंने सोचा आज इम्तिहान तेरा ही ले लू,
तुझे आंखों के सामने रख के, कहीं दूर मै हो लू ।
जान तो लू कि तेरी जिंदगी में मेरी जगह क्या और,
इस बहते हुए रिश्ते में तेरी रजा क्या है ।
जब आंखें खुली तो पता चला मेरी कमी ना तुझको खल पाई है,
और देख आज इस गलतफहमी का शिकार होती वो लड़की फिर नज़र आयी है ।।
❣️77-
सही तो कहा था तूने, सब पैसे का खेल है ।
तेरी कही बात का, मेरी सोच से ना कोई मेल है ।।
मेरे प्यार को भी तो तूने, इस पैसे के लिए ही ठुकराया है।
अफ़सोस, तेरा असली चेहरा मेरे सामने तो आया है ।।
बन जा तु लम्बी दौड़ का घोड़ा
आखिर में मुकाम तो नया पाएगा ।
भले ही प्यार करने वाली दूर हो जाएगी
पर नोटो की चादर तले नींद तो अच्छी आएगी ।
जनाब सही ही है की सब पैसे का खेल है ।
पर आखिर मे तो ये सिर्फ हाथों का मैल है ।।
💛75-
अगर गलती हो गयी थी, तो तू उसे सुधराने आता ।
अब सजा तो मै दूंगी ही, यह ज़रा सोचके आता ।।
तेरी शिकायत करने के लिए, तेरे ही गले लग कर रोती।
एक बार वापस हक से तू मुझे मानने तो आता ।।
💛74
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जब वक्त सही होगा और आलम सुहाना अपना होगा,
एक माहौल प्यारा बना होगा और दिल पर कोई बोझ नही होगा ।
तब कहीं प्रकृति की गोद में खिलते फूलों को हम निहारेंगे,
जीवन की पंखुडी की पीछे छुपे एक एक कांटे की कहानी बड़ी फुर्सत से सुनाएंगे ।।
❤️73-
तू भेजेगा, मैं जाऊंगी नही
तू जाएगा, रोकूंगी नही ।
दिल तोड़ के तेरा, आंखें सेकूंगी नही
फिकर ना कर, वादा तोडूंगी नही ।।
💛72-
इंतजार होता नहीं मुझसे, पर तू ने सिखा दिया ।
तुझे देखे बिना दिन ढलता नहीं मेरा, पर देख सूरज को भी तूने डूबा दिया।।
हम दोनों बिल्कुल अलग है,
तुझे शांत रहना और मुझे बोलते रहना पसंद है ।
मैं छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाती हूं,
तू छोटी-छोटी बातों में चिल्लाने लगता है ।
उम्मीद तुझसे रहती है तो मनाएगा,
पर तू अपनी अलग उड़ान भर लेता है ।।
तुझे पता है तुझे देखे बिना ना मेरा दिन शुरू होता है ना मेरी रात पूरी होती है,
फिर भी तेरे दीदार के लिए, मेरी आंखें क्यों नम रहती है
तू बन गया मेरी जिंदगानी,
पर मैं अभी भी तेरी बस छोटी सी कहानी ही हूं ।
अलग है हम दोनों एक दूसरे से,
यह जानते हुए भी मैं क्यों तेरी दीवानी हूं ।।
❤71-
कदर बातों से नहीं कर्मों से होती है
हर बात होठों से नहीं कुछ एहसासों से भी होती हैं ।
प्यार वो नहीं जिसको बोलकर तुम बयां करो
प्यार तो वो है जिसमें उसको तुम हर जगह रखो ।।
हां प्यार है मुझे पर कहूंगी नहीं मैं
तेरे हर दुख में साथ तेरे रहूंगी मैं ।
तेरे पास हूं ना पाऊं भले तेरे दर्द में
पर तुझे अकेला छोड़ अपनी दुनिया में ना जाऊंगी मैं ।।
आज आंखों में तेरे पानी है
तो मेरी आंखों में नींद कैसे आनी है ।
तेरे चेहरे की मुस्कुराहट लौटाए बिना
यह रात कैसे बीत जानी है ।
तुझे आराम अपनी छुअन से भले ही ना दूं
अपने होने के अहसास से तुझे दूर भी मैं जाने ना दूं ।।
❤70-
सुनो,
चलो ना आज कुछ नया कर जाए,
मिलकर हम दोनों राधा कृष्ण बन जाए ।
हां हां माना दोनों जुदा होंगे
पर तुम्हारे साथ मेरे नाम को चाहने वाले भी बहुत होगें ।
एक पापा की परी को तुम चाहो,
और क्यों ना मेरे नाम को तुम खुदा कर जाओ ।
पर क्या हो पाऊंगी मैं किसी और के हवाले,
देख पाऊंगी क्या तुम्हें बनते हुए ग्वाले ?
क्या रुकमणी की तरह मैं देख पाऊंगी तुम्हारी आंखों में किसी और को,
क्या मीरा की तरह मैं जोगन बन पाऊंगी मैं छोड़कर सब सुख को ।
चलो छोड़ो अब जाने भी दो ना।
क्या करूं, मैं रह नहीं पाऊंगी तुम्हारे बिना ।।
💛69
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