देखा है बिखर कर मैने।
के दिल केहता है, सुकून की अब तलाश ना कर ।
छिड़ी है जो जंग खुदी से, के खुद को इस जंग से तू रिहा ना कर ।
बेखुदी मे ना कर तू प्रीत किसी से,
के दर्द बोहोत है, फक्त इसमें इज़ाफ़ा ना कर ।
बेबस, बेमकसद रहना खुद की इनायत तो नही,
के अब फिर तू किसी की इबादत ना कर ।-
👉Hurt me with Truth but never Comfort me with a Lie ♥️
👉Broken_but_beauti... read more
Show me your night's, days are already so bright...
Show me your tears, show me you are not alright...
Show me how depression fucks you every night,
Tell me those stuff, you can't share with whole world..
Show me that pain, you hide behind your smile..
Show me your nights, bcoz baby...
Day's are already soo bright.-
कलम उठाते ही अल्फाज़ थम जाते है,
अहसासो में जंजीरे बंध सी जाती है !
अगर लफ्ज़ जम गए तो ज़ुबान क्या होगी ?
हुनर चले गया तो मेरी पहचान क्या होगी ?-
कभी कभी मंजिलें बीछी होती है रास्तों के भेष मे !
फक्त सफर करते रहना ही मुकाम होता है !!-
कोइ इतना नही टूटता की खुद को समेट ना सके !
और कुछ तो इस क़दर टूटते है के बिखर भी नहीं सकते !!-
कुछ बेमतलब की बाते और उन अनकही बातो के बीच,
जो सबकुछ रह गया वो इश्क़ तो नहीं !
मुकद्दर मे तू हो और हासिल भी नहीं,
ऐसा भी कुछ गुनाह शायद मोहोब्बते ही थी !!-
अक्सर शब्दों को रूठते देखा है खयालातों से !
ज़ुबान को बिगड़ते देखा है जज्बातों पे !!
ना ढूंढ तू जवाब, सवाल कई उलझे है !
अमूमन जिदंगी के कुछ किस्से फक्त बिखरने के ही हिस्से है !!-
झुकी उन आंखों मे दबा एक किस्सा ज़रूर था,
अंदर आँसू छुपे थे, और दिखता गुरुर था।-
हर शाम सुलगती तेरी यादें चाय के साथ राख हुआ करती है !
कुछ बैचेन करती बाते अलाव की तपिश मे जला करती है !!
अब तुझसे ना सही तेरी गुफ्तगू ठंडे चांद से करते हैं !
फिर होले से रात मुझे उसके आगोश में सुलाया करती है !!-
कुछ तो अलग है हम दोनों मे..
उसे ढलता हुआ सूरज पसंद है, और मुझे स्याह काली रात का चांद !
मैं जोगन उसकी बातो की, वो खुदको मेरी कविताओं का तलबगार कहता है !!
कुछ तो अलग है हम दोनों मे...
मुझे समंदर का किनारा पसंद है, और उसे मेरे अल्फ़ाजो की गहराई !
मैं कोसो दूर हूं इश्क़ से, वो मुझको उसका हमसफ़र कहता है !!
कुछ कुछ तो हम दोनों ही अलग है...
मैं विचलित किसी तितली सी, वो सुकून भरा नज़ारा है !!-