चार कंधों की जुस्तजू में,
जिंदगी हराम है गालिब।
रोज तिल-तिल मरे है,
कुछ पल जीने के लिए।-
Shriram Lohar
(@_श्री.ram...)
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Student at SSGMCE shegon
Pursuing engineering,writting is one of my habits...or even passi... read more
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Joined 20 May 2018
4 SEP 2024 AT 21:54
17 AUG 2024 AT 23:30
फिर वही खता ज़माने से,
इश्क के कत्ल की।
मुलजिम घूम रहे हे बेफिक्र,
आशिकों के जनाजे मे।-
17 JUN 2024 AT 0:33
थक चुके है गालिब अब,
दुनिया की इफरात से।
नए नए मंजरों से,
अब दिल नही भरता।-
20 MAY 2024 AT 21:25
रसिक अपने दिल के करीब रखना।
कपड़े लाख गंदे हो मगर,
किरदार शरीफ रखना।-
27 APR 2024 AT 21:49
क्या हुआ अगर हारे भी वफ़ा ए इश्क में, (२)
ये आशिक का जनाजा है,
बड़ी धूम से निकलेगा।-
27 APR 2024 AT 21:49
क्या हुआ अगर हारे भी वफ़ा ए इश्क में, (२)
ये आशिक का जनाजा है,
बड़ी धूम से निकलेगा।-
15 APR 2024 AT 23:37
बाटे है दर्द एक साथ इतने साखी,
याद उनकी करता हु, नाम तेरा आता है।
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17 MAR 2024 AT 1:37
मुद्दततों बाद मुलाकात आज उनसे हुई,
आशिक कब रकीब बन गए, पता ना चला।-