कौनसे कलम से तारीफ लिखूं ,
के लिखते लिखते सियाही खत्म हो जाती है ,
कौनसी भाषा में वर्णन करू के
शब्द खत्म हो जाते है , एक बात बताओ,
ये सभी तुम्हारी आँखो में यूँ खो जाते हैं 👀❣️।-
Student
Player- kabbdi, cricket, Gola fek,
Target National championship i... read more
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…
💖-
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।-
जो कहते है तू कुछ नही
कर सकता मेरा वादा है
उनसे ऐसा समय लाऊंगा
मजबूर हो जाओगे कहने
को जो तू कर सकता है
और कोई नही कर सकता |-
ये किले बया करती हैं ,
हमे मराठा होने पे नाज कराती है ।
खड़े कर उस दीवार पर ,
हमे दिल्ली के तख्त पर होने का एहसास दिलाती है ।
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बड़ी जालिम है ये बरसात
कीसी की यादों को तो किसी के जख्मो को हरा कर गई।
बड़ी तम्मन्ना थी उससे मिलने की,
पर सुना है उसके घर तक जाने वाली सड़क ही बह गई।
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ये लम्हा कुछ ख़ास हैं,
बहन के हाथों में भाई का हाथ हैं,
ओ बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ ख़ास हैं
तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना,
तेरा भाई हमेशा तेरे साथ हैं ….!!!-
हर किसी को एक रोज़ ऐतबार हो जाता है,
अनजान वो चेहरा ख़ास हो जाता है,
सिर्फ खूबियों से ही नहीं होता ये इश्क़ दोस्तों
कभी-कभी कमियों से भी प्यार हो जाता है..-
बुलाओ "आज सब 'आशिक़ों को- ग़मों की
महफ़िल : लगाते हैं...!!!
तुम ग़ालिब की किताबें उठा लाओ
हम दिल का हल "सुनाते हैं-
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान. रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त
की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
मुर्दों की बस्ती में ज़मीर
को ज़िंदा रख कर,
ए जिंदगी मैं तेरे उसूलों का मान
रखता हूँ।
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