अब चाह नहीं है मुझको यूँ रोने धोने सोने में
तेरी चाह बस गई जब से मेरे दिल के कोने में-
वरना जाने क्या होता
बेवफ़ाई के इतने चर्चे हैं
वफा करते तो क्या होता read more
मरना एक कला है,
इसलिये तुम पर मरते हैं
अब मालूम नहीं प्यार
करते या नहीं करते हैं
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प्यार की राह पर दो कदम क्या चले ज़माने के सुर बदल गये
कल तक जो दुश्मन रहे मेरे आज वो कलेजे से ही लिपट गये-
क्या जिन्दगी है बचपन की दोस्ती तोड़ दी
जरा दौलत क्या पाई मोहब्बत ही छोड़ दी-
जरा बचके रहो इनसे इन्हें नज़र लग जायेगी
धोखे गिनाऊं इनके तो किताब लिख जायेगी-
दिल में चुभे हैं अनगिनत काँटे
फिर भी धड़क रहा है
खुश रहना मेरी आदत है
इसलिये चेहरा दमक रहा है-
जुल्फो-जाल में फंसा रही या लजा रही हो
सच - सच बताओ क्या - क्या छुपा रही हो-
प्यार करते हो या मेरे दीदार की चाह रखते हो
चिराग मेरी लहद पर आशिकी गैर से रखते हो-
उनके प्यार में इस कदर पागल हुये
फूल की चाह में कांटों से घायल हुये
ग़ज़ब इतना हुआ भ्रम के शिकार हुये
ना वो मेरे हुये ना कभी हम उनके हुये
संग रहने से क्या फायदा
मेरी चाहत और है उनकी चाहत कोई और है
मुसीबत की जिंदगी हमें ठौर है न उन्हें ठौर है-
उनके प्यार में इस कदर पागल हुये
फूल की चाह में कांटों से घायल हुये
ग़ज़ब इतना हुआ भ्रम के शिकार हुये
ना वो मेरे हुये ना कभी हम उनके हुये
संग रहने से क्या फायदा
मेरी चाहत और है उनकी चाहत कोई और है
मुसीबत की जिंदगी हमें ठौर है न उन्हें ठौर है-